Austin University: यूपी सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में आ चुकी है। US की ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ 35000 करोड़ का समझौता करना सरकार के लिए भारी पड़ गया है। समझौते के मुताबिक, अमेरिका की ऑस्टिन यूनिवर्सिटी यूपी में 5 हजार एकड़ में नॉलेज सिटी बनाने वाली थी। लेकिन यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में मौजूद जानकारी के मुताबिक वहां अब कोई भी स्टूडेंट इन रोल नहीं है। यूनिवर्सिटी की मान्यता भी रद्द की जा चुकी है। हैरानी वाली बात यह है कि यहां सिर्फ 25% शिक्षक रह गए हैं। मामला सामने आने के बाद यूपी सरकार ने अलग ही तर्क दिया। योगी सरकार का कहना है कि ये समझौता ऑस्टिन यूनिवर्सिटी (Austin University)के साथ नहीं, बल्कि ऑस्टिन कंसल्टेंसी ग्रुप (Austin Consultancy Group) के साथ किया गया है।
ऑस्टिन यूनिवर्सिटी में एक भी छात्र नहीं
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यूपी सरकार के समझौते में जिस ऑस्टिन यूनिवर्सिटी का जिक्र है, उसमें एक भी छात्र नहीं पढ़ता। अमेरिका की ब्यूरो फॉर प्राइवेट पोस्ट सेकेंडरी एजुकेशन ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस को पहले ही कैंसिल कर चुकी है। ऑस्टिन यूनिवर्सिटी में अभी 25 फैकल्टी मेंबर ही हैं।
कैलिफॉर्निया डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के आदेश के मुताबिक, ऑस्टिन यूनिवर्सिटी को 2011 में प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट चलाने की अनुमति मिली थी। इसे 8 दिसंबर 2022 को रद्द कर दिया गया था। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी पर 9965 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।
यूपी सरकार ने दिया बयान
मामला सामने आने के बाद यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि ये समझौता ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ नहीं, बल्कि ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ हुआ था। ये सिर्फ समझौता ज्ञापन है। ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के अधिकारियों को यूपी बुलाया जाएगा। यूपी सरकार के अधिकारी सारे दस्तावेज़ों की जांच के बाद ही इस मामले में आगे बढ़ेंगे।
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