Subharti University: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा एशियन स्टडीज स्कूल ऑफ इंटरनेशनल की अध्यक्ष व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर संगीता थपलियाल की पुस्तक ‘भारत चीन एवं सामरिक हिमालय’ का भव्य कार्यक्रम में विमोचन किया गया। कुलपति कार्यालय में मुख्य अतिथि इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शौर्य डोभाल एवं एशियन स्टडीज स्कूल ऑफ इंटरनेशनल की अध्यक्ष व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर संगीता थपलियाल के आगमन पर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुभारती फाइन आर्ट स्थित सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि शौर्य डोभाल एवं प्रोफेसर संगीता थपलियाल, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज, प्रतिकुलपति डॉ.अभय शंकरगौड़ा, आईक्यूएसी निदेशक डॉ. नीतू पवार ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस दौरान फाइन आर्ट कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा वंदना प्रस्तुत की गई। कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने श्री शौर्य डोभाल एवं प्रोफेसर संगीता थपलियाल को पौधा भेंट कर व पटका पहनाकर स्वागत किया। आईक्यूएसी निदेशक डॉ.नीतू पवार द्वारा स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया गया।
हिमालय एवं इससे लगे सभी क्षेत्र भारत का अखण्ड भाग
एशियन स्टडीज स्कूल ऑफ इंटरनेशनल की अध्यक्ष व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर संगीता थपलियाल ने अपनी पुस्तक भारत चीन एवं सामरिक हिमालय के बारे में सभी को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने हिमालय एवं चीन की सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र की परिस्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हिमालय एवं इससे लगे सभी क्षेत्र भारत का अखण्ड भाग है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में प्राचीन समय से लेकर वर्तमान भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्र तथा हिमालय के बारे में तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध है।
मुख्य अतिथि इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शौर्य डोभाल ने प्रोफेसर संगीता को पुस्तक विमोचन पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी, डोकलाम सहित हिमालय से लगने वाले समस्त क्षेत्र भारत का अटूट हिस्सा है। उन्होंने भारत चीन एवं सामरिक हिमालय पुस्तक में दी गई जानकारी एवं खोज की सराहना करते हुए अपनी बधाई दी। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के परिसर की सराहना करते हुए कहा कि भारत के सभी महापुरुषों व देश के लिए जान देने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के भवन एवं मार्ग अखण्ड भारत की अनुभूति कराते है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, चिकित्सा एवं राष्ट्रीयता के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय प्रबन्धन को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने फाइन आर्ट कॉलेज की आर्ट गैलरी का भी अवलोकन किया। इस दौरान फाइन आर्ट कॉलेज के प्राचार्य डॉ.पिंटू मिश्रा ने विद्यार्थियों द्वारा की गई चित्रकारी के बारे में जानकारी दी।
भारत विश्व की तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने कहा कि भारत विश्व की तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व की महान संस्कृतियों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत देश अपने गौरवशाली इतिहास एवं वर्तमान सक्षम स्थिति के साथ विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने भारत चीन एवं सामरिक हिमालय पुस्तक विमोचन पर प्रोफेसर संगीता थपलियाल को बधाई दी। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्र हित में किये जा रहे कार्यो से अतिथियों को रूबरू कराया।
सभी अतिथियों का अभिनंदन किया
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में देश प्रेम की भावना कूट कूट कर भरी हुई हैं। विश्वविद्यालय में 21 अक्टूबर को अखण्ड भारत का स्वतंत्रता दिवस भव्य रूप से मनाया जाता है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सभी संकाय, विभाग एवं मार्ग के नाम विभिन्न महापुरुषों के नाम पर स्थापित है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में शहीद उपवन भी स्थापित है। जिसमें भारत माता की रक्षा में विभिन्न युद्ध में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सेना के वीरों के नाम उकेरे गये है एवं उनके नाम पर पेड़ लगाए गये है। धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति डॉ.अभय शंकरगौड़ा ने दिया। इस अवसर पर निदेशक नरेश थपलियाल, पीआरओ समीर सिंह, प्रतिभा तेवतिया सहित सभी संकाय व विभागों के विद्यार्थी तथा प्राचार्य, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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