UGC Decision: छात्रों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। अब देश के किसी भी विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र किसी भी अन्य उच्च शिक्षण संस्थान के संसाधनों का प्रयोग कर सकते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो अब छात्र अन्य उच्च शिक्षण संस्थान के प्रयोगशाला, पुस्तकालय, शोध से लेकर खेल मैदान का प्रयोग कर सकेंगे। इसको लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए यूजीसी ने राज्यों और विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों के संसाधनों का ज्यादा प्रयोग किए जाने को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी की है। मालूम हो कि उच्च शिक्षण संस्थानों में संसाधनों और उनके रखरखाव का सारा पैसा यूजीसी की ओर से दिया जाता है। अब एक शहर के दो से अधिक संस्थान अगर मिलकर संसाधनों का प्रयोग करते हैं तो छात्रों और संस्थानों को भी फायदा होगा। बताया जा रहा है कि यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थान को दूसरे संसाधनों के साथ संसाधन साझा करने की योजना तैयार की गई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के छात्र इस योजना के तहत सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक यह सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भारत में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा छात्रों के हित में प्रतिदिन नए फैसले लिए जा रहे हैं। इसके तहत भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसर की स्थापना की जाएगी। वही इसका लाभ छात्रों को मिलेगा। शिक्षण संस्थानों की स्थापना को लेकर आने वाले टिप्पणी, सुझाव और प्रतिक्रिया जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। अब 3 फरवरी 2023 तक लोग इस पर अपने सुझाव दे सकेगी। उक्त बात की जानकारी यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने मीडिया से दी है।
परिसरों में नगर वन वाटिकाओं का होगा विकास
आपको बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला किया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने परिसरों में इस प्रकार के नगर वन को विकसित करेंगे। शिक्षा संस्थानों के भीतर नगर वन बनाने के लिए बकायदा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने इस संबंध में देशभर के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों एवं शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों को एक अधिकारी पत्र जारी किया है। प्रोफेसर रजनीश जैन ने पत्र के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों और उनके संबद्ध कॉलेजों, संस्थानों से अनुरोध किया है कि वह अपने संस्थान परिसरों में नगर वन या वाटिका विकसित करें। शिक्षण संस्थान इसके लिए राज्यों के वन विभाग से समन्वय कर सकते हैं।
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