BBC Documentary controversy: इन दिनों जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चर्चा में है। इस बार चर्चा का विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री है। जिसे आईटी नियम 2021 के तहत भारत में बैन किया गया है। इस सबके बाद भी आलोचनात्मक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के पहले एपिसोड के स्क्रीनिंग की घोषणा वाला एक पोस्टर जेएनयू में साझा किया गया है। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने भी विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर साझा कर एक नये विवाद को हवा दे दी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का सख्त आदेश
इधर, विवाद बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त आदेश जारी कर छात्रों से कहा है कि ”इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।” बताया जा रहा है कि जेएनयू प्रशासन कतई नहीं चाहता है कि परिसर में किसी भी प्रकार की अनाधिकृत गतिविधियों से विश्वविद्यालय की शांति और सद्भाव भंग हो। इसको लेकर विवि प्रशासन तमाम तरह की कोशिश कर रही है। लेकिन कुछ छात्रों की टोली विवि प्रशासन के सामने अनाधिकृत गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं।
डॉक्यूमेंट्री सीरीज को सरकार ने की थी बैन
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचनात्मक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के पहले एपिसोड को साझा करने वाले ट्वीट व वीडियोज को ब्लॉक करने के आदेश दिए थे। इसके बाद आदेश को तत्काल प्रभाव से देश भर में लागू कर दिया गया। बताया गया कि यह सरकारी आदेश आईटी नियम 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया है। इसके बाद से बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी ट्वीट और यूट्यूब वीडियो अब माइक्रोब्लॉगिंग और वीडियो-शेयरिंग वेबसाइटों पर नहीं दिखाई दे रहे हैं।
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