Common University Entrance Test 2023: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह को एक पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि पत्र में दिल्ली सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों को रेखांकित किया है। उक्त बात की जानकारी दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद के दफ्तर से आई है। बताया गया है कि मंत्री राज कुमार आनंद द्वारा शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर डीयू के कॉलेजों में खाली सीटों को भरने की मांग की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क
बताया जा रहा है कि CUET स्कोर के माध्यम से पहली बार आयोजित स्नातक प्रवेश परीक्षा दिसंबर में हुआ था। लेकिन कई हजार सीटों को भरा नहीं जा सका है। इसे लेकर कुलपति योगेश सिंह ने नामांकन प्रकिया को फिर से शुरू करने की बात से इनकार कर दिया है। इसके पीछे की वजह योगेश सिंह द्वारा बताया गया है कि छात्रों का पहला सेमेस्टर खत्म होने वाला है। ऐसे में नामांकन प्रकिया को फिर से शुरू करना नामुमकिन सा है।
दिल्ली के मंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखा पत्र
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने लिखा, ”वर्तमान वर्ष में डीयू में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों में लगभग हजारों सीटें खाली पड़ी हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गत वर्ष इन छात्रों के प्रवेश के लिए एक ही प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है और प्रवेश सीयूईटी (सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा) में प्राप्त अंकों या रैंक पर आधारित है।” मालूम हो कि इस शैक्षणिक सत्र में स्नातक पाठ्यक्रमों में 65,000 से अधिक सीटें भरी गई हैं। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में स्नातक की लगभग 5,000 सीटें खाली रहने की बातें सामने आई है।
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