आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

IIMT University: साहित्य और समाज की परम्परा के लिए आज आवश्यकता है राम के जैसा व्यवहार करने की, आज जरूरत है कौशल्या की। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन वक्ताओं ने कहा कि आज समाज मे गुरु-शिष्य परम्परा को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन का शुभारंभ डा. दीपा शर्मा, कुलपति आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मुख्य अतिथि डा. सी. पी. शर्मा, प्रो. एस. डी शर्मा प्रति कुलपति, प्रो. संजय शमी (विशिष्ट अतिथि), डीन प्रो. सुभाष गौतम, डा. अतीक उर रहमान विभाग अध्यक्ष ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

समाज को एक नई दिशा प्रदान करने की बात

प्रति कुलपति डा. एस. डी. शर्मा ने भाषा और संस्कृति के समन्वय के साथ समाज को एक नई दिशा प्रदान करने की बात कही। वहीं प्रो. संजय शर्मा, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग सीसीएस विश्वविद्यालय मेरठ ने अपने ज्ञानवर्धक, शब्दो से श्रोताओं को प्रेरित किया। डा. सी. पी. शर्मा मुख्य अतिथि आर.एस एस (पीजी) कालेज, पिलखवा ने कहा कि किसी भूखे का पेट भेरना ही वास्तविक रूप मे पूजा और नमाज़ है।

यह भी पढ़े : SELF IMPROVEMENT : अगर ये कर लिया तो जीवन में कभी नहीं होगे फेल, ‘दिन दोगुनी रात चौगुनी’ होगी तरक्की

सहायक प्रोफेसर्स के सहयोग से कार्यक्रम को सफल आयोजन

कार्यक्रम के द्वितीय दिवस मे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गाजियाबाद बिहार, उत्तराखण्ड के नामचीन विश्वविद्यालयों, कालेजों के प्राध्यापकों व शोधार्थियों ने शोध पत्रो का वाचन किया। समापन सत्र में सभी प्राध्यापको, शोधार्थियों, छात्र-छात्राओं को तकनीकी सत्र के चेयरपर्सन डा. सी. पी. शर्मा और डीन डॉ. सुभाष गौतम ने प्रमाणपत्र वितरित किये। शोर्मिता बोस द्वारा अतिथियों को धन्यवाद प्रस्तुत किया। डा. फरहा हाशमी ने मंच का सफल संचालन किया। सभी सहायक प्रोफेसर्स के सहयोग से कार्यक्रम को सफल आयोजन किया गया।

यह भी पढे़ : SSC CHSL 2021 : CHSL के फाइनल नतीजे हुए जारी , ऐसे करें परिणाम चेक

एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे  YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें

Exit mobile version