JNU Admission Process And Hostel Accommodation: जेएनयू या जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय देश की बेस्ट यूनिवर्सिटी में शामिल है। यहां दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों में होड़ लगी रहती है। ये विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक गतिविधि के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यहां विश्वभर से विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं। इस सबके बीच में बता दें कि ये विश्वविद्यालय पढ़ाई के साथ ही बहुत ही कम पैसों में मिलने वाली छात्रावास व मेस सुविधाओं के लिए भी फेमस है। इन इसी वजहों से Jawaharlal Nehru University विश्वभर के स्टूडेंट्स के लिए उच्च शिक्षा हेतू पहली पसंद है। विश्वविद्यालय परिसर के साथ ही यहां की पुस्तकालय भी विश्वस्तर की है। आइये आज जानते हैं, जेएनयू की नामांकन प्रक्रिया और छात्रावास फीस के बारे में विस्तृत जानकारी।
सीयूईटी से जेएनयू में होगा एडमिशन
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एडमिशन को लेकर इच्छुक विद्यार्थियों के लिए जरुरी सूचना है कि इस साल का दाखिला के लिए अंतिम तिथि निकल चुकी है। प्रमुखता से बात की जाए तो JNU में दाखिला CUET स्कोर के जरिए ही होगा। मालूम हो कि पूर्व में ये विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाते थे पर अब नियमों में हुए बदलाव के बाद से सीयूईटी यानी Common University Entrance Test के स्कोर से विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स को दाखिला मिलता है। इस विश्वविद्यालय में दाखिला पाने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों के लिए जरुरी जानकारी ये है कि आपको जिस क्लास में दाखिला चाहिए उसके लिए फॉर्म भरें। इसके बाद स्कोर और उपलब्ध सीटों की संख्या के साथ ही आने वाले कुल आवेदनों के आधार पर कुछ समय में मेरिट लिस्ट में अपने नाम का इंतजार करें। वे विद्यार्थी जिनका एडमिशन के लिए चयन हो जाता है, वे नामांकन शुल्क भरकर आगे की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
हॉस्टल के लिए देना होता है इतना शुल्क
अगर आप जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दाखिला के बाद छात्रावास की सुविधा चाहते हैं तो समय से एप्लीकेशन कर दें। ध्यान रखना है कि ये विश्वविद्यालय में नामांकन के भी पहले शुरू हो जाती है। इसके पीछे की बड़ी वजह है कि यूनिवर्सिटी में जगह सीमित है और आवेदकों की संख्या बहुत होते हैं इसलिए कई पहलुओं पर विचार करने के बाद JNU प्रशासन द्वारा हॉस्टल दिया जाता है। आरक्षित और पीएच वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए छात्रावास में आरक्षण की सुविधा पहले से मौजूद है। इसके बाद ही बची सीटों के लिए अन्य विद्यार्थी एप्लीकेशन कर सकते हैं। ध्यान देनी वाली बात यह है कि वैसे स्टूडेंट्स जिनकी परिवार की आय साल के 75 हजार रुपये से कम है, ऐसे विद्यार्थी को पहले प्रमुखता के साथ हॉस्टल सुविधा दी जाती है। इसके अलावा बात की जाए तो विश्वविद्यालय में फुल टाइम और स्कॉलर कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स ही हॉस्टल की सुविधा के पात्र माने जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पार्ट टाइम कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये सुविधा नहीं है। स्कॉलर छोड़कर बाकी क्लास के स्टूडेंट्स को कमरा साझा करना होता है। हां, सबसे अच्छी बात ये है कि विश्वविद्यालय में हॉस्टल की सुविधा के साथ मेस की व्यवस्था भी है। छात्रावास में दाखिला के लिए स्टूडेंट्स को फीस के तौर पर 5 रुपये जमा करना होता है। वहीं, सिक्योरिटी के तौर पर 50 रुपये अदा करना पड़ता है। स्टूडेंट्स के लिए यहां अहम जानकारी ये है कि मेस सिक्योरिटी (जो बाद में वापस हो जाती है) 750 रुपये तय की गई है। मेस एडवांस 750 (एडजस्टेबल) है, न्यूजपेपर का 15 रुपये एनुअल चार्ज और क्रॉकरी का 50 रुपये का भुगतान स्टूडेंट्स को करना होगा। सिंगल सीटेड रूम का किराया के तौर पर स्टूडेंट्स को 240 रुपये का भुगतान करना है, बल्कि डबल सीटेड रूम रेंट के तौर पर 120 रुपये है। इसके लिए भुगतान करना होगा। जानकारी हो कि विश्वविद्यालय के कुल 18 छात्रावास हैं जिनमें से 10 लड़कों के लिए और 8 लड़कियों के लिए बनाए गए हैं। खास बात ये है कि लड़कियों का एक छात्रावास मैरिड वुमेन के लिए भी बना हुआ है। इन तमाम छात्रावास में कुल मिलकर 5500 विद्यार्थी के रहने की व्यवस्था है।
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