Fake Degree: यूपी का मुजफ्फरनगर एक बार फिर से खबरों में है , लेकिन इस बार वजह बनी है बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों का भांडा फोड़ होना। जिनके सीधे तार मुजफ्फरनगर से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें, पिछले 1 महीने से एसटीएफ उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे ऐसे ही आयुर्वेदिक चिकित्सकों की जांच कर रही है। जिसमें पाया गया है कि, उत्तराखंड में फर्जी डिग्री लेकर राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सक अपना अस्पताल चला रहे हैं। जिनको लेकर करीब एक महीनें से जांच चल रही है। इसका खुलासा होने के बाद मुज़फ्फरनगर के मेडिकल कॉलेज के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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मुजफ्फरनगर से आया फर्जी डिग्री का मामला
मामले की जांच करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित करके की जा रही है। जिसमें अधिकतर फर्जी पाए गए हैं। सबसे ज्यादा फर्जी डिग्री लेने वाले डॉक्टर राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साइंस यूर्निवसिटी कर्नाटक से डिग्री लिए हुए हैं। जांच में ये भी सामने आया है कि, ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने इन फर्जी डिग्रियों को तैयार कराया है। जांच में पता चला है कि, 80,0000 रुपये में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक और चेयरमैन इमलाख और इमरान ने इन्हें बनवाया है। इतना ही नहीं इमलाख कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर के रूप में जाना जाता है। जो कि, अपने भाई इमरान के साथ मिलकर इस काले धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने जब दबिश दी तो एसटीएफ को कई राज्यों की यूनिवर्सिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां और पैसे मिले हैं। इसके साथ ही कुछ विवादित दस्तावेज भी मिले हैं। इमरान और इमलाख ने देश के कई राज्यों में हजारों लोगों को फर्जी डिग्रियां दी हैं। जिसकी जांच में और भी ज्यादा बड़ा खुलासा हो सकता है। पुलिस के हत्थे अभी आरोपित चिकित्सक प्रीतम सिंह के साथ-साथ मुनीष अली, इमरान जैसे बड़े चेहरे हैं। जो कि, जांच में बड़ा खुलासा कर सकते हैं।
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