Jharkhand News: झारखंड से बड़ी ख़बर सामने आई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में चल रहे सभी प्राइवेट विश्वविद्यालयों की स्थिति पर जांच होगी। इसको लेकर असेंबली में हुए विवाद के बाद विधानसभा की पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकांश प्राइवेट विश्वविद्यालयों द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन का पालन किए बिना छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। उन्हें डिग्रियां दी जा रही हैं। न तो इनमें पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर हैं और न ही अन्य संसाधन। ऐसे निजी विश्वविद्यालयों की स्थिति पर पिछले साल उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के द्वारा सीएम को रिपोर्ट भेजी गई थी।
प्राइवेट विश्वविद्यालयों की जांच करेगी विधानसभा कमेटी
बहरहाल मिली जानकारी के अनुसार, अब जांच के लिए विधानसभा की पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। बताया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी को समिति का सभापति बनाया है। कमेटी द्वारा प्रदेश में संचालित विश्वविद्यालयों की जांच कर उनके मानक के अनुरूप होने या न होने की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी। बता दें कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ विधायकों का विरोध देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीर मामला माना था।
बिना इंफ्रास्ट्रक्चर के चल रहीं प्राइवेट यूनिवर्सिटी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले राज्यपाल रमेश बैस ने 17 दिसंबर 2021 को राजभवन में निजी विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों पर एक बैठक की थी। जिसमें प्रदेश के प्राइवेट विश्वविद्यालयों की स्थिति पर चिंता जाहिक की गई थी। बैठक में कहा गया था कि झारखंड में प्राइवेट विश्वविद्यालयों की स्थिति खराब है। बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि ”शिक्षा को व्यवसाय के रूप में नहीं लेना चाहिए। छात्र हित में ऐसी शिक्षा व्यवस्था का औचित्य नहीं है। राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालय यूजीसी व सरकार के निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं।”
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