School: उत्तराखंड के अल्पसंख्यक स्कूलों को लेकर क्यों उठ रहा विवाद? मान्यता पर गिर सकती है गाज

School:उत्तराखंड में अल्पसंख्यक स्कूलों को लेकर एक मामला काफी गर्माता जा रहा है। जिसके कारण इनकी मान्यता पर रद्द करने की तलवार लटक गई है। उत्तरखंड में 300 से ज्यादा ऐसे स्कूल्स हैं , जिनके पास अल्पसंख्यक स्कूल के तौर पर मान्यता मिली हुई है। इन स्कूलों को क्रिश्चियन, सिख और मुस्लिम धर्म के लोगों के द्वारा चलाया जाता है। पिछले कुछ दिनों से इन स्कूलों को लेकर शिकायत मिल रही थी। जिसको लेकर धामी सरकार की तरफ से कदम उठाया गया है।

अल्प संख्यक स्कूलों का क्या है मामला

देहरादून के एक ईसाई स्कूल की मान्यता शिकायतों के बाद रद्द की जा सकती है। आपको बता दें, किसी भी अल्पसंख्य स्कूल को चलाने के लिए दो बातें काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। पहला ये क मैनेजमेंट में संबंधित धर्म के लोगों का होना जरुरी होता है वहीं दूसरा उस स्कूल में 50 फीसदी सीटे उस धर्म के लोगों के लिए आरक्षित हों। अगर किसी अल्प संख्यक स्कूल में 50 फीसदी संख्या उस धर्म से जुड़े हुए लोगों की नहीं है तो इस आधार पर भी उस स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है। लेकिन इसके लिए कई सारी कानून प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। फिलहाल इन शिकायतों को लेकर मामले की जांच चल रही है।

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किस आधार पर मान्यता हो सकती है रद्द

खबरों की माने तो जो शिकायतें सामने आ रही हैं उसमें बताया जा रहा है कि, कुछ मामलों में अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स का कोटा क्रिश्चन स्कूलों और कुछ मामलों में सिखों से जुड़े स्कूलों में देखने को मिला। इसी की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्कूल की मान्यता को लेकर कार्रवाही की जाएगी।फिलहाल अभी खबरों का बाजार गर्म है और इन स्कूलों से जुड़ी तमाम तरह की खबरें सामने आ रही हैं। जिनकी पुष्टि डीएनपी एजुकेशन नहीं करता है।

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