School Admission: किसी भी मां बाप को बच्चो के लिए स्कूल चुनना बहुत ही कठिन काम होता है। बच्चा बड़ा होने से पहले ही वो उसके स्कूल के बारे में जानकारी जुटाने लगते हैं। हर स्कूल अपनी बातें बढ़ा-चढ़ा कर बताता है। हर स्कूल का स्टाफ मां-बाप को अपने स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए लुभाने की कोशिश करता है। बहुत बार मां-बाप को दाखिला दिलाने के बाद बहुत निराशा होते है। उन्हें बच्चे का स्कूल बदलना पड़ता है। इस मुसीबत से अगर कोई बचना चाहे तो उसे बच्चे का दाखिला कराने से पहले कुछ बातें स्कूल में जरूर चेक कर लेनी चाहिएं।
सालाना खर्च के हिसाब से चुने स्कूल
हर मां बाप की तन्खवाह बराबर नहीं होती है। किसी की कम किसी की ज्यादा होती है। हर कोई अपने बच्चे के लिए अपने ही बजट का स्कूल देखता है। कुछ स्कूलों की फीस तो बाकी स्कूलों के बराबर होती है लेकिन उनके कुछ एक्सट्रा खर्चे भी होते हैं। वह खर्चे कभी-कभी फीस से भी ज्यादा होते हैं। ऐसी स्थिति में मां-बाप पर इसका असर पड़ता है। बाकी बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ने लगता है। इसलिए दाखिला दिलाने से पहले हर बात को अच्छी तरह से जान लें और समझ लें।
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बोर्ड की जानकारी जरूर लें
मां बाप को ध्यान रखना चाहिए की वो जिस स्कूल में बच्चे का दाखिला करा रहे हैं। वह स्कूल राष्ट्रीय बोर्ड से संबधित मान्यता प्राप्त है कि नहीं है। मानों अगर आपका बच्चा सी.बी.एस सी बोर्ड से है और आपको अगर स्कूल बदलना भी पड़े तो आपको सी.बी.एस सी बोर्ड ही चुनना चाहिए ताकि आगे चलकर बच्चे को कोई दिक्कत नहीं हो।
बच्चो के लिए सुविधा
मां-बाप को किसी भी स्कूल में बच्चे को भेजने से पहले स्कूल के परिसर में जाकर एक बार देख लेना चाहिए कि स्कूल बच्चे को क्या क्या सुविधा दे सकता है। उसकी पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी है कि नहीं है। उसके खेलने के लिए मैदान है कि नहीं। कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, प्ले ग्राउंड, स्विमिंग पूल, इंडोर गेम्स, मेडिकल की सुविधाएं हैं कि नहीं है।
केरूकुलम का होना जरूरी है
बच्चे का दाखिला कराने से पहले सिर्फ पढ़ाई ही नहीं उसकी बाकी एक्सट्रा केरुकुलम की जानकारी भी स्कूल प्रशासन से जरूर लें। जैसे- स्कूल में स्पोर्ट्स, फिजिकल एक्टिविटी, ड्रामा, म्यूजिक, एंटरटेनमेंट, डिबेट, कविताएं या कहानियां जैसी एक्टिविटी होती है कि नहीं। यह बच्चे के मानष्कि व शारीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी होती है। इसे से बच्चे की एकस्ट्रा क्वालिटी में इंटरेस्ट का पता चलता है।
सबसे जरूरी
बच्चे का दाखिला कराने से पहले स्कूल के स्टॉफ के बारे में जरूर जान लें। उस स्कूल का स्टॉफ कैसा है। यह बात प्राचीन किताबों से लेकर आज तक कोई नहीं नकार सकता कि गुरू की आदतों का असर बच्चों पर जरूर पड़ता है। टीचरों के बारे में जाने की उनकी पढ़ाई कहां तक और कहां से हुई है। हो सके तो उनसे मिलें भीं।
बच्चों की शुरक्षा के इंतजाम क्या हैं
किसी भी स्कूल में आजकल पढ़ाई से ज्यादा शुरक्षा की चिंता होती है। किसी भी स्कूल में बच्चों को भेजने से अपने सारे के सारे डाउट किलियर कर लें। बच्चों की शुरक्षा के सारे इंतजाम देख लें। उसकी बस से लेकर स्कूल के सिक्योरिटी स्टाफ तक सारी चीजें अच्छे से समझ लें। क्योंकि बच्चों की शुरक्षा सबसे पहले है।
इन सब बातों के अलावा एक मिता पिता होने के नाते या बच्चों के गार्जियन होने के नाते जो भी डाउट हों। स्कूल में दाखिला दिलाने से पहले सारे के सारे अच्छी तरह समझ लेने चाहिए।
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