MP School: मध्य प्रदेश के दमोह में हिजाब विवाद के बाद एक प्राइवेट स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई है। इस स्कूल में कथित तौर पर छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने के आरोपों की जांच के आदेश दिए गए थे। राज्य सरकार की ओर से स्कूलों के लिए समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर स्कूल की मान्यता निलंबित की गई। इस मसले पर कड़ रुख अपनाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी बेटी को सिर पर स्कार्फ या कोई दूसरी चीज बांधकर आने के लिए मजबूर करने वाला स्कूल मध्य प्रदेश में चल नहीं पाएगा। शिक्षा नीति के हिसाब से यहां शिक्षा देने का काम होगा।
क्या है मामला?
दमोह के गंगा जमुना स्कूल ने कुछ दिन पहले अपने टॉपर्स स्टूडेंट्स की लिस्ट जारी की थी। उसमें छात्राओं की ड्रेस हिजाब जैसे प्रतीत हो रही थी। इसे लेकर हिंदूवादी संगठनों और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने कहा कि वह हिजाब नहीं स्कार्फ है और उन्होंने स्कार्फ को अनिवार्य नहीं किया है। लेकिन मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने दोबारा जांच कर कार्रवाई करने को कहा था।
सीएम शिवराज का कड़ा रुख
31 मई को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले की सख्त जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए वाशरूम नहीं है। लाइब्रेरी में किताबों की कमी है। स्कूल में और भी कई खामियां सामने आई थीं। जिसके बाद स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई। सरकार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि “प्रथम दृष्ट्या शर्तों और दायित्वों और समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन न करने के परिणामस्वरूप स्कूल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”
सीएम शिवराज सिंह ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि राज्य में छात्राओं को सिर पर दुपट्टा पहनने के लिए मजबूर करने वाले स्कूल को राज्य में संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नई शिक्षा नीति लागू की है, उसी हिसाब से शिक्षा देने का काम होगा।
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