Individual Attention: हर छात्र पढ़ने के मामले में, सीखने के मामले में और कई तरह से अलग होता है। ऐसे में बच्चों को कक्षा में इंडिविजुअल अटेंशन चाहिए होती है जिससे वे अपने आप को तराश कर भविष्य में कुछ बेहतर कर सकेंगे। क्लास चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन बच्चे काफी कुछ सीखते हैं। कुछ बच्चे एक साथ नई चीजें सीखते हैं और अपने टीचर्स की गाइडेंस में आगे बढ़ते हैं। हर बच्चे के अंदर सीखने, बढ़ने और स्किल डेवेलप के लिए क्षमता होती है। वे हर संभव तरीके से मौकों का लाभ उठाना चाहते हैं। इसके लिए जरूरत है तो बच्चे पर व्यक्तिगत तरीके से ध्यान देने की। ऐसे में हर बच्चे पर व्यक्तिगत तरीके से ध्यान देना टीचर की जिम्मेदारी बन जाती है।
कक्षा में डिस्ट्रेक्शन को करें कम
कक्षा में टीचरों को बच्चों पर व्यक्तिगत तरीके से ध्यान देने की जरूरत है। यदि टीचर छात्रों पर अलग-अलग तरीके से ध्यान दें तो कक्षा में बच्चों का पढ़ाई से ध्यान भटकाने की संभावना कम हो जाती है। हर बच्चे पर व्यक्तिगत तरीके से ध्यान देने पर कक्षा में जो भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा उसे वो जल्दी ही सीख पाएगा। पढ़ाई को ही कक्षा में चर्चा का विषय बना दिया जाए तो बच्चे उससे कनेक्ट होंगे और इससे वो नई चीजें तो सीखेंगे ही साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
स्किल्स को पहचानने की करें कोशिश
टीचर को अपने स्टुडेंट के अंदर की स्किल्स को समझने की कोशिश करनी चाहिए। छात्रों को सिर्फ किताबों से ही नहीं बल्कि इससे अलग सिखाने की भी कोशिश करें। बच्चों को क्लास में अलग एक्टिविटीज कराकर आप बच्चों की स्किल्स समझ सकते हैं। उनकी स्किल्स पहचानने के बाद टीचर्स को उन स्किल्स पर जोर देना चाहिए।
बच्चों की परेशानी का रखें खास ख्याल
जब आप बच्चों से इंटरेक्ट करेंगे और उनके साथ फ्रेंडली रहेंगे तो वो आपको अपनी समस्याएं बता सकते हैं। जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में या दूसरी तरह की समस्याओं का सामना करने से वे नहीं डरेंगे। इसके अलावा उचित मार्गदर्शन करने के लिए भी शिक्षक का छा6ों से फ्रेंडली होना काफी जरूरी है। इससे टीचर और स्टुडेंट के बीच में एक अच्छा बॉन्ड बनेगा। कक्षा के माहौल को लाइट बनाए रखना चाहिए। खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
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