School runs for one student in Maharashtra: दुनिया तरह-तरह के इंसानों की सोच से भरी पड़ी है। हमारे आसपास की दुनिया में बहुत सी अजीबो-गरीब चीजें होती हैं। कुछ चीजें तो सुनने या देखने में आ जाती हैं, लेकिन कई बार हमें बहुत कुछ पता ही नहीं चल पाता। ये दुनिया इतनी बड़ी है कि रोज भी हम जानने की कोशिश करें तो नई-नई चीजें निकलकर हमारे सामने आएगी। आज इस लेख के जरिए हम आपको महाराष्ट्र एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
एक ही शिक्षक कराते हैं पढ़ाई
दरअसल, महाराष्ट्र के वाशिम जिले में स्थित गणेशपुर गांव में जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय नाम की एक स्कूल है। दिलचस्प बात यह है कि स्कूल में कक्षा 1 से 4 तक की क्लासेज हैं। इसके बाद भी इस स्कूल में सिर्फ एक छात्र ही पढ़ने आता है। बहरहाल, यह स्कूल देश में चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस इकलौते छात्र को पढ़ाने के लिए स्कूल में एक ही शिक्षक की प्रतिनियुक्ति है, जो प्रतिदिन नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए उसे पढ़ाने आते हैं।
सिर्फ एक छात्र के लिए चलता है स्कूल
स्कूल के शिक्षक किशोर मानकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, “पिछले 2 वर्षों से स्कूल में केवल एक छात्र का नामांकन हुआ है। जबकि मैं स्कूल में अकेला शिक्षक कार्यरत हूं। एक सवाल के जवाब में शिक्षक ने न्यूज एजेंसी के पत्रकार से कहा कि ”गांव की आबादी केवल 150 है। ये स्कूल पूरे गांव का एकलौता स्कूल है और यहां शिक्षक और छात्र भी एक-एक ही हैं। छात्र को मध्याह्न भोजन सहित सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।” इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 1-4 तक की क्लासेस के लिए पूरे गांव में उस विशेष आयु वर्ग में केवल एक ही लड़का है। इसलिए स्कूल में सिर्फ एक छात्र ही पढ़ने आता है।
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