Haryana School: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की मान्यता के लिए जारी किया निर्देश, फिरसे भरना होगा फॉर्म-2

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Haryana School:माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)के सभी 10 साल पुराने निजी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया गया है। इन सभी निजी स्कूलों को ऑनलाइन फॉर्म-2 भरने का निर्देश दिया गया है।दरअसल हरियाणा में 10 साल पहले स्थाई मान्यता लेने वाले सभी निजी स्कूलों को फिरसे मान्यता लेनी होगी। बोर्ड ने 10 साल पुराने सभी निजी स्कूलों को ऑनलाइन फार्म-2 भरने का निर्देश दिया है। ताकि मान्यता का नवीनीकरण किया जा सके। इस निर्देश के बाद निजी स्कूल के सभी संचालकों ने बोर्ड से रोष जताते हुए कहा है कि हम फॉर्म-2 नहीं भरेंगे। इस निर्देश के खिलाफ निजी स्कूल संचालकों ने प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई है।

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निदेशालय ने किया अनुरोध

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जिला, मौलिक और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि, जितने भी 10 साल पुराने निजी स्कूल हैं सभी की स्थायी मान्यता की समीक्षा की जाए। शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा और सीबीएसई शिक्षा बोर्ड से अनुरोध किया है कि बिना समीक्षा के इन 10 साल पुराने निजी स्कूलों की मान्यता ना बढ़ाई जाए।

संघ ने शिक्षा निदेशालय पर लगाया आरोप

निजी स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यान कुंडू ने निदेशालय के आदेश को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश गलत हैं और जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। कुंडू ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इससे पहले भी 4 अक्टूबर 2018 को नवीनीकरण का पत्र जारी किया था। जिसमें फिरसे फॉर्म-2 भरने का कोई उल्लेख नहीं था। इसको लेकर संघ ने संयुक्त निदेशक राजीव प्रसाद से मुलाकात भी की थी।

उन्होंने आगे कहा कि नवीनिकरण के निर्देश में निजी स्कूलों की मान्यता के लिए फिरसे फॉर्म-2 भरने की जरूरत नहीं हैं। संयुक्त निदेशक ने संघ की बात को जायज ठहराते हुए सिर्फ समीक्षा करने की बात कही थी। कुंडू ने आरोप लगाते हुए कहा कि निदेशालय भ्रष्टाचार फैलाना चाहता है। इसलिए पांच साल के बाद निजी स्कूलों को परेशान किया जा रहा है ऑनलाइन फॉर्म-2 भरने के लिए। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी निजी स्कूल फॉर्म नहीं भरेगा। क्योंकि यह फॉर्म केवल नई मान्यता लेते वक्त ही भरना जरूरी होता है। 10 पुराने स्कूलों के पास तो पहले से ही स्थाई मान्यता हैं। उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग संबंधित स्कूलों से केवल एफिडेविट लेकर उसकी मान्यता की समीक्षा की जाएं। इस बाबत संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर से मुलाकात करने वाला है।

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