School: बढ़ते युग को देखते हुए केंद्र सरकार ने हमारी एजुकेशन पॉलिसी में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बता दें कि, शिक्षा के लिए पहली नीति 1968 में लाई गई थी। वहीं दूसरी शिक्षा नीति सन 1986 में लागू हुई थी। इसी के साथ अब केंद्र सरकार एक और एजुकेशन पॉलिसी लेकर आए हैं जिसके तहत शिक्षा विभाग में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि आप कक्षा एक में किसी भी बच्चे का एडमिशन 6 साल की उम्र से पहले नहीं किया जाएगा।
ये उम्र सीखने और फंडामेंटल सेट करने की है
शिक्षा मंत्रालय ने इस पर तर्क देते हुए कहा कि बच्चों की शुरुआत के 5 साल की उम्र उनके सीखने और फंडामेंटल सेट करने की है। इसलिए उनकी पढ़ाई साल की उम्र से ही करवानी चाहिए। बता दें कि, देश के अलग-अलग राज्यों में पहली कक्षा में एडमिशन लेने की उम्र अलग-अलग है। ऐसे में देश के ऐसे 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश है जहां 6 साल की उम्र से पहले बच्चों की पहली परीक्षा में एडमिशन लेने की अनुमति थी। जिसमें गुजरात, तेलंगाना, लद्दाख, असम और पांडिचेरी जैसे राज्य शामिल है। इन राज्यों में 5 साल के बच्चों का भी पहली शिक्षा में एडमिशन ले लिया जाता था।
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नया स्टडी मटेरियल
बता दें कि, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार बच्चों की शिक्षा के लिए कई अलग-अलग बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें से एक बदलाव नए स्टडी मेटेरियल का भी हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए नया स्टडी मैटेरियल जारी किया जाएगा स्टडी मटेरियल का नाम जादुई पिटारा रखा गया है। यह जादुई पिटारा फाउंडेशन लेवल के बच्चों के लिए है। इस पिटारे में बच्चों के लिए खिलौने, कठपुतलियां, दिलचस्प कहानियां मातृभाषा में उपलब्ध कराई जाएगी।
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