CBSE Board Exam Result: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) परीक्षा की डेटशीट का इंतजार देश के लाखों बच्चे प्रतिवर्ष करते नजर आते हैं। लेकिन, आपको पता है कि इसका रिजल्ट का इंतजार बच्चों को लंबे समय तक क्यों करना पड़ता है? इसका जवाब आज हम आपको इस लेख के जरिए बताने जा रहे हैं। हो सकता है कि आप सभी में से कई ऐसे बच्चे या अभिभावक को इन प्रश्नों के जवाब पहले से मालूम हो। इसके बाद भी इनसे संबंधित कई ऐसे पहलू सामने आए हैं, जिसे जानना हर किसी के लिए अति आवश्यक है।
मार्क्स कैलकुलेशन को लेकर असमंजस में छात्र
मालूम हो कि 10वीं और 12वीं की अंतिम परीक्षा के बाद सीबीएसई बोर्ड को रिजल्ट तैयार करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ये मुश्किल रहित हालात बोर्ड के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होते हैं। इसके पीछे की वजह भी आम बोलचाल की भाषा में समझे तो साफ है। सीबीएसई ने बीते कुछ सालों में पाठ्यक्रम (CBSE Board Syllabus) में कई अहम बदलाव किए हैं। इनमें कई विषयों को जोड़ा गया है। स्किल्स पर आधारित महत्वपूर्ण विषय को सिलेबस में रखा गया है। इन सभी के सिलेबस से जुड़ने के बाद देखा जा रहा है कि CBSE Board द्वारा रिजल्ट (Result) जारी किए जाने में विलंब किया जा रहा है। आलम यह है कि इन विषयों के सिलेबस में आ जाने के बाद बोर्ड के अलावा छात्र भी मार्क्स कैलकुलेशन (Marks Calculation) को लेकर थोड़ा असमंजस में है।
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सिलेबस में कई नवीन विषयों को किया गया शामिल
आपको बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) कक्षा 10वीं और 12वीं के अंतिम रिजल्ट में 5 विषयों के अंक को जोड़ा जाता है। इसके बाद ही छात्रों का फाइनल रिजल्ट बोर्ड द्वारा सार्वजनिक किया जाता है। गौरतलब है कि विगत कुछ सालों में CBSE ने कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम में कई अहम विषय को जोड़ा है। इनमें स्किल सब्जेक्ट्स ऐड किए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, क्लास 9, 10 में 3 विषय जोड़े गए हैं। वहीं, क्लास 11, 12 की पाठ्यक्रम में 4 विषय जोड़ दिए गए हैं। इनमें से दो कॉमन बताया जा रहा है। इस हिसाब से बात की जाए तो सिलेबस में विषयों की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे इसे समझे कि CBSE Board Syllabus में कुल 5 विषय बढ़ा दिए गए हैं। इतना ही नहीं, अब अगर कोई छात्र इन 5 प्रमुख विषयों के अलावा अतिरिक्त सब्जेक्ट की भी परीक्षा देता है तो उसके मार्क्स फाइनल रिजल्ट में जोड़े जाते हैं। आइए जानते हैं इन विषयों के मार्क्स कैलकुलेट के बारे में-
स्किल सब्जेक्ट का चयन करने वाले छात्रों की मार्किंग स्कीम में बदलाव
ये बात तो तय है कि पहले के मुकाबले अब 9वीं-10वीं में स्किल आधारित विषय चुनने वाले विद्यार्थियों की मार्किंग स्कीम में कई अहम परिवर्तन किए गए हैं। इसका प्रमाण सीबीएसई बोर्ड द्वारा जारी एक Circular में समझा जा सकता है। Central Board of Secondary Education ने एक सर्कुलर में कहा है कि, ”कक्षा 9वीं-10वीं में स्किल सब्जेक्ट का चयन करने वाले छात्रों की मार्किंग स्कीम में सुधार किया गया है।” इसके मुताबिक अगर कोई छात्र स्किल विषय की पढ़ाई करता है तो उसके बेस्ट 5 विषयों के मार्क्स कुछ इस तरह कैलकुलेट किए जाएंगे। इनमें तीन प्रमुख विषय, जैसे कि दो भाषाओं में से एक (अनिवार्य रूप से) + विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान और एडिशनल यानी छठे विषय के अंक (जिन 4 में सबसे अच्छे या ज्यादा मार्क्स कहे या नंबर होंगे) CBSE 10वीं बेस्ट 5 विषयों के अंक के आधार पर कुल परसेंटेज कैलकुलेट किए जाने की बात सामने आई है।
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