AGNIVEER : ऑटो चालक की बेटी ने गाड़े सफलता के झंडे, बनी पहली महिला अग्निवीर

AGNIVEER : छतीसगढ में रहने वाली हिशा ने इंडियन एसएसआर के पहले महिला बैच में प्रथम आकर अपना नाम इतिहास में लिख दिया है। हिशा मूल रुप से छतीसगढ़ में दुर्गे जिले बोरीगारका ग्राम की रहने वाली हैं। अपनी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जब हिशा अपने गांव वापस लौटी तो गांव वालों ने उनका काफी अच्छे तरीके से स्वागत किया।


कोरोना काल के बाद मिला मौका


जहां एक ओर कोरोना काल में पूरा देश बीमारी से लड़ रहा था , उस समय भारतीय नौ सेना ने एसएसआर सीनियर सैकेंण्डरी रिक्रूट में लडकियों के शामिल होने का एक शानदार अवसर प्रदान किया। अपनी मेहनत के चलते हिशा ने फेस 1 मेरिट वेस क्लियर किया उसके बाद फेस 2 में लिखित परीक्षा में भी हिशा का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा।


गरीब घर से रखती हैं तालुक


हिशा के पिता एक मामूली से ऑटो ड्राइवर थे, लेकिन 12 साल पहले कैंसर से पीडित होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पडा. जिसके चलते उन्हें जमीन, गाड़ी बेचनी पड़ी। इन सबके बावजूद हिशा ने हिम्मत नही हारी। हिशा की ट्रेनिंग के दौरान जब उनके पिता की मत्यु हो गई थी तब इस बात की जानकारी भी हिशा को काफी समय तक नहीं दी गई।


कितनी महिलाओं ने किया अप्लाई


इंडियन नेवी ने इस बार महिलाओं को सेना में शामिल करके उन्हें एक अच्छा अवसर दिया है। इस मौके पर काफी सारी महिलाओं ने फॉर्म भरा था, जिसमें पूरे देश में से केवल 200 महिलाओं का ही चयन हुआ हैं एसएसआर के तहत महिलाओं के लिए 560 पदों के लिए भर्ती होनी थी। ऐसे मे हिशा ने सफलता के झंडे गाड़कर ये वो करके दिखा दिया जिससे इतिहास उन्हें हमेशा याद करेगा।

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