World Red Cross Day: ऐसा क्या किया था हेनरी ने जो उनकी जयंती पर मनाया जाता है रेड क्रॉस डे

World Red Cross Day: मई महीने के पहले हफ्ते में ही 8 मई को रेड क्रोस डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे (Red crescent movement)आंदोलन की याद है। उस आंदोलन को करते हुए ही रेड क्रॉस डे मनाया जाता है। रेड क्रॉस सोसायटी का काम घायल और मजबूर सैनिकों की और नागरिकों की मदद करना है। इस मूवमेंट की शुरूवात हेनरी डुनेंट ने की थी। उनकी की जयंती के दौरान इस दिन को मनाया जाता है।

हेनरी डुनेंट इस मानवतावादी रेड क्रोस संघठन के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इस दिन को मनाना उनको श्रद्धांजलि देना है। यह रेड क्रॉस एक इंटरनेशनल संस्था है जिसका हेडक्वाटर स्विटजरलैंड जिनेवा में है। इस संस्था के साथ कई नेशनल सोसायटी मिलकर इस संस्था का संचालन करती हैं।

कोविड में कैसे की लोगों की मदद

रेड क्रॉस सोसायटी किसी युद्ध के समय या प्राकृतिक आपदा, महामारी या जहां कोई बिमारी फैली हो तो ये संस्था सक्रिय रूप से काम करती है। कुछ दिन पहले कोरोना महामारी के समय इनका काम और ज्यादा बढ़ गया था। कोरोना से जंग लड़ने के लिए इस सोसायटी ने काफी योगदान दिया है। इस संस्था से जुडे लोगो आज भी कोरोना से बचाव हेतु दुनियाभर में जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं। यह लोग बस्तियों में जाकर लोगों का मास्क वे दस्ताने बांटते हैं।

वर्ल्ड रेड क्रोस डे क्यों मनाया जाता है

रेड क्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष जीन हेनरी डयूनेंट 1859 में इटली मे सॉल्फेरिनों के युद्ध के समय घायल सैनिकों की मदद में लगे थे। उस युद्ध में बहुत ही लोग मारे गये और बहुत ज्यादा लोग घायल थे। किसी भी सेना के पास घायलों के इलाज के लिए कोई उपचार नहीं था। घायल लोग तडप-तडप कर मर रहे थे। हेनरी ने उन घायल लोगों की मदद करनी शुरू की। इसी काम के लिए उन्होंने एक ग्रुप बनाया। उन घायल सैनिकों के इलाज के साथ-साथ उन्होंने उनके परिजनों को उनकी ख़बर दी। उनके परिजनों से उन्हें मिलवाया भी था।

हेनरी ने अपने इन तजुर्बों को ‘ए मेमोरी ऑफ सॉल्‍फेरिनो’ एक किताब की शक्ल में लिखा। इसी किताब में उन्होंने अंतराष्ट्रीय सोसाइटी की स्थापना का सुझाव दिया। ऐसी सोसायटी जो युद्ध में घायल हुए लोगों का इलाज कर सके। उनके इन सुझावों पर भी अमल किया गया। जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने फरवरी 1863 में एक कमेटी का गठन किया जिसकी तर्ज पर ही एक विश्व सम्मेलन किया गया। इसमें कुल 16 राष्ट्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिसमें कई प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया। इसकी के बाद 1876 में उसी कमेटी ने इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC)नाम को अपना लिया।

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