Red Pen: क्यों टीचर ही लाल पेन का करते हैं इस्तेमाल ? बच्चों को क्यों नहीं मिलती इसकी अनुमति ?

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Red Pen: बचपन में जब आप स्कूल गए होंगे तो आपके मन में भी कभी न कभी लाल पेन का इस्तेमाल करने की बात आई होगी। यूं तो स्कूलों में टीचर ही लाल पेन का इस्तेमाल करते हैं। जबकि, बच्चों को काले और नीले रंग का पेन इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है। स्कूल में कुछ नियम होते हैं और उन्हीं नियमों के हिसाब से स्कूलों में पढ़ाई होती है। स्कूल में बच्चों की शुरुआत पेंसिल से होती है। प्री प्राइमरी से लेकर 5वीं तक बच्चे पेंसिल का इस्तेमाल करते हैं और उसके बाद उम्र और क्लास बढ़ने के साथ बच्चे स्याही तक पहुंचते हैं।

छठी क्लास से बच्चे नीली और काली स्याही वाले पेन से लिखना शुरू करते हैं। अब ये तो हुई छात्रों की बात, की छात्र किस पेन से लिखते हैं। वहीं, स्कूल में अध्यापकों की बात करें तो वे लाल पेन का इस्तेमाल करते हैं। बचपन में बच्चों का दिमाम काफी जिज्ञासु होता है। ऐसे में आपके मन में भी कभी न कभी टीचर वाले लाल पेन का इस्तेमाल करने की बात तो आई होगी। आइए आपको बताते हैं की आखिर क्यों छात्र और टीचर दोनों अगल-अगल पेन से लिखते हैं और छात्रों को क्यों लाल पेन से लिखने की अनुमति नहीं है ?

बच्चे चाहते हैं लाल पेन का इस्तेमाल करना

वैसे यह दुनिया की अनकही सच्चाई है कि हर बच्चा चाहता है कि उसे भी अपनी नोटबुक में लाल पेन से लिखने दिया जाए। हर बच्चे के दिमाग में यह ख्याल आता है कि दुनिया में हर कलर के पेन हैं, तो फिर उन्हें सिर्फ Blue और Black का इस्तेमाल करने की ही परमिशन क्यों है ? जबकि, टीचर्स तो इनके साथ-साथ लाल पेन का इस्तेमाल भी करते हैं। शायद आप भी इस सवाल का जवाब न जानते हों। आइए आज जानते हैं ऐसा क्यों किया गया है।

बच्चों के लिए काला-नीला पेन क्यों ?

वैसे तो इस सवाल का निश्चित उत्तर किसी के पास नहीं है, लेकिन फिर भी इसे ऐसे समझा जा सकता है कि दुनियाभर के छात्र सफेद कागज पर लिखते हैं। जिसके लिए वो नीले या काले पेन का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, ये रंग कंट्रास्ट वाले होते हैं और शब्दों के बीच के अंतर को साफ बताते हैं। अगर लिखने के लिए हल्की स्याही का इस्तेमाल किया जाएगा, तो संभव है कि शब्दों को पढ़ने में मुश्किल होगी।

शिक्षक और छात्र के बीच का फर्क

वहीं, छात्र की गलतियों को सुधारने के लिए टीचर्स लाल पेन का इस्तेमाल करते हैं। अगर टीचर भी नीले या काले रंग के पेन का इस्तेमाल करेंगे तो उनके और छात्र के बीच का फर्क पता नहीं चल पाएगा।

प्रिंसिपल करते हैं हरे पेन का इस्तेमाल

वहीं, आपने कभी गौर किया हो तो स्कूलों में प्रिंसिपल हरे पेन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रिंसिपल स्कूल में सबसे ऊंचे पद पर होता है, ऐसे में उन्हें कई दस्तावेज भी साइन करने होते हैं। वहीं, टीचर और प्रिंसिपल द्वारा बच्चों को दिए गए रिमार्कस को स्याही के उंतर के चलते ही पहचाना जाता है। इसिलिए छात्रों के रिपोर्ट कार्ड पर प्रिंसिपल के साइन हरे रंग में होते हैं।

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