General Knowledge: इलेक्ट्रॉनिक नॉलेज नेटवर्क प्रोजेक्ट क्या है, बिहार के शिक्षण संस्थानों के लिए क्यों है इतना अहम ?

General Knowledge: भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को जोड़ने के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को इलैक्ट्रॉनिक नॉलेज नेटवर्क प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इसे जमीन पर साकार करने की जिम्मेदारी बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (BSEDC)को 76.10 करोड़ रुपए का बड़ा आर्डर दिया गया है। इनके संयुक्त प्रयास से इस परियोजना का उद्देश्य बिहार के तकनीकी संस्थानों में आईटी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना है।

जानें क्या है इस परियोजना का मकसद

इलैक्ट्रॉनिक नॉलेज नेटवर्क परियोजना का मकसद बिहार के तकनीकी संस्थानों में सूचना प्रौद्यौगिकी को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है। जो अगले 5 सालों में शिक्षा संस्थानों के डिजिटलाइटेशन को सुगम बनायेगी। कैंपस में स्थित मूलभूत सुविधाओं को डिजटली इंटीग्रेटेड करना है। जिसके लिए हाईस्पीड इंटरनेट से स्मार्ट क्लासेज का संचालन, वाई-फाई , कैंपस में लेन, VoIP तथा एसडी वैन प्रदान किए जाएंगे। इसके साध रेलटेल कॉर्पोरेशन शिक्षा क्षेत्र में अपनी आईटी विशेषज्ञता के द्वारा दो अलग-अलग इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से कैंपस में इंटरनेट की सुविधा प्रदान करेगा। जिसका मुख्य कारण है कि यदि किसी भी प्रकार की तकनीकी कारण से सर्विस में व्यवधान आता है तो दूसरी कंपनी तुरंत आपात सेवा के तौर पर उपलब्ध होगी। इसी वजह से रेलटेल इस परियोजना का एक आदर्श प्लेयर है। इसके साथ ही रेलटेल को आधारभूत ढांचे के सुचारू रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है।

इसे भी पढ़ें:TOP Mechanical Institutes of India:12वीं बाद मेकेनिकल इंजीनियरिंग में चाहते हैं अपना कैरियर,देखें टॉप संस्थानों की सूची

रेलटेल और बीएसईडीसी का संयुक्त रोल

बता दें रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड रेल मंत्रालय का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। जो आईटी और एजूकेशन फील्ड में सेवा प्रदान करने का लंबा अनुभव रखता है। वहीं दूसरी ओर बिहार राज्य इलैक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड राज्य की तकनीकी जरूरतों को पूरा करता है। जो राज्य सरकार के विभागों ,मंत्रालयों तथा एजेंसियों के लिए सूचना प्रौद्यौगिकी योजनाओं का क्रियान्वयन करता है। इस प्रकार ये दोनों एजेंसियां बिहार के नॉलेज नेटवर्क परियोजना को अमलीजामा पहनाएंगी।

इसे भी पढ़ें:NAAC Grading: DAV बनारस बना दूसरी बार नैक A+ ग्रेड पाने वाला यूपी का पहला कॉलेज, इन सुविधाओं में रहा सबसे आगे

Exit mobile version