Vidya Knowledge Park: बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लब्ध-प्रतिष्ठित वक्ताओं ने ‘द इंपैक्ट ऑफ सोशल मीडिया ऑन मार्डन जर्नलिज्म प्रैक्टिसिज’ विषय पर विचार प्रस्तुत किए।
इनमें दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल, ऑल इंडिया रेडियो के सहायक निदेशक जैनेंद्र सिंह, एबीपी न्यूज के एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी, गुरु जगदम्बेश्वर विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डॉ.विक्रम कौशिक, लेखिका एवं मीडिया एजुकेटर डॉ.प्रज्ञा कौशिक, जी मीडिया के एडिटर जितेंद्र शर्मा, दैनिक जागरण के संपादक रवि प्रकाश तिवारी, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष, हिन्दी विभाग के डॉ.नवीन चंद्र लोहनी, तिलक स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एडं मास कम्युनिकेशन के निदेशक प्रोफेसर डॉ. प्रशांत कुमार, टाइम्स ऑफ इंडिया मेरठ के ब्यूरो हेड संदीप राय सहित अनेक गणमान्यजन शामिल रहे। इस मौके पर आयोजित तकनीकी सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों से पहुंचे शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है विद्या
विद्या नॉलेज पार्क के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं विद्यागान से किया गया। सबसे पहले संस्थान की निदेशिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों का स्वागत पौध भेंट कर किया। इसके बाद आरजे आरती मल्होत्रा ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में विद्या नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। प्रबंध निदेशक विशाल जैन ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नये आयाम जोड़ते हैं जो संस्थान के साथ विद्यार्थियों और शिक्षकों के हित में है।
सोशल मीडिया की गिरी साख
विद्वान वक्ताओं ने सोशल मीडिया को आधुनिक पत्रकारिता के समक्ष चुनौती के रूप में देखा तो कई वक्ताओं ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को सहज बनाया और आमजन तक इसकी पहुंच बढ़ा दी। यह दूसरी बात है कि फेक न्यूज और संवेदनशील मामले में अनैतिक व्यवहार के कारण सोशल मीडिया की साख गिरी और विश्वसनीयता का संकट खड़ा हुआ है। आज भी मुद्रित शब्दों पर लोगांे का भरोसा अधिक है। कई वक्ताओं ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अवसर पैदा किए हैं तो बहुत से वक्ताओं का मानना था कि इसने मुद्रित पत्रकारिता के सामने संकट खड़ा किया है। दैनिक जागरण के संपादक रवि प्रकाश तिवारी ने कहा कि हम इसे सोशल मीडिया नहीं, इंटरनेट मीडिया कहते हैं क्योंकि इसमें सामाजिकता नहीं है। यह समाज को बांटने वाली मीडिया है। इसका प्रयोग करते समय अति सावधानी की जरूरत है। यह मीडिया हवा में है, जबकि समाचार पत्रों के पैर जमीन पर हैं। कहा कि इंटरनेट का उपयोग करें लेकिन सोच-समझ कर, अपनी गति पर पकड़ बनाए रखें।
तकनीक को लेकर हमेशा चिंता
ऑल इंडिया रेडियो के सहायक निदेशक जैनेंद्र सिंह ने कहा कि तकनीक को लेकर हमेशा चिंता रहती है। आज शोध और जानकारी के लिए मारामारी नहीं करना पड़ता। हमारी पहुंच बड़ी हुई है। एक साथ लोकल और ग्लोबल होने से चुनौतियां बड़ी हैं। यह देखना जरूरी है कि क्या इसे समाज नियंत्रित कर रहा है अथवा यह समाज को चला रहा है?
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं
एबीपी न्यूज के एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं, जीवन शैली है। भीड़ में रहते हुए भी भीड़ से अलग रहना ही सार्थकता है। होड़ लगी हुई है, ऐसे में सुचिता और ईमानदारी के साथ खुद का अपडेट तो रखना ही पड़ेगा।
सोशल मीडिया आज की जरूरत
जी मीडिया के एडिटर जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया आज की जरूरत, इससे आप भाग नहीं सकते, लेकिन अब पत्रकार हो ही समझना और समझाना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना है या इसका इस्तेमाल होना है।
बदलते समय के साथ मीडिया भी बदल रही है
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि सोशल मीडिया एक ऐसा औजार है जो आज सभी के पास है। आज इसकी भूमिका को लेकर कोई इंकार नहीं कर सकता। बदलते समय के साथ मीडिया भी बदल रही है।
सोशल मीडिया भ्रामक सूचनाओं को फैलाने का बाजार
डॉ.नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि सोशल मीडिया भ्रामक सूचनाओं को फैलाने का बाजार बन गया है। सूचनाओं के अंबार में सही सूचना का चयन करना होगा। सोशल मीडिया एक बहुत बड़ी ताकत है। मीडिया ने नया स्वरूप ग्रहण कर लिया, लेकिन कई चिंता भी है। इसकी भाषा खराब हो गई। सही तथ्यों के लिए शोध करना होगा। सूचनाओं के भंडार से सही सूचना का चयन करना होगा।
डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आज हर व्यक्ति ओपिनियन मेकर है। दर्शक पाठक जो नहीं देखना चाह रहा, वही परोसा जा रहा। संचार की दुनिया में नारद मुनि का योगदान अतुलनीय है। भारतीय संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखते हुए इस पर कंटेट होना चाहिए।
तकनीक की शक्ति के युग में जी रहे हैं
टाइम्स ऑफ इंडिया मेरठ के ब्यूरो हेड संदीप राय ने कहा कि हम तकनीक की शक्ति के युग में जी रहे हैं। यह मंथन का दौर है जिसमें अमृत के साथ विष भी निकलेगा। दोनों को स्वीकारना होगा। आज वह सभी पत्रकार बन गया जिसके पास फोन है। पत्रकारों की ताकत आज सोशल मीडिया के कारण जनता के हाथों में आ गई, वह मत निर्माता बन गए, लेकिन चुनौतियां बढ़ गई कि समाज इसका उपयोग कैसे करता है, यह देखा जाना जरूरी है।
कंटेंट इस द किंग
डॉ.विक्रम कौशिक ने कहा कि कंटेंट इस द किंग। हम अपनी इच्छा के अनुसार कंटेंट नहीं चुन सकते। सभी के पास एक समान सामग्री पहुंच रही है। इसमें चयन की शक्ति भी होनी चाहिए। आपके पास जो आ रहा है, आप उससे अलग अपनी सोच बनाएं अथवा उसका हिस्सा बन जाएं। कुल मिलाकर हमें वायरल लोकतंत्र नहीं चाहिए।
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लोगों में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी
लेखिका एवं मीडिया एजुकेटर डॉ.प्रज्ञा कौशिक ने कहा कि बढ़ते फेक न्यूज को रोकने के लिए मीडिया लिटरेसी और लोगों में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। हमें सोशल मीडिया में से फैक्ट को चुन लेना है और फेक सूचना को फेंक देना है। क्या सही है और क्या गलत है, यह विवेक आपके पास होना चाहिए।
उद्घाटन सत्र के बाद अतिथियों ने बैचलर ऑफ फाइन आर्ट विभाग में कला प्रदर्शनी का उद्घाटन फीता काटकर किया। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों के बनाये चित्रों की प्रशंसा की। इसके बाद आयोजित पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ.विक्रम कौशिक ने तथा संयोजन सहायक प्रवक्ता सोनाक्षी शर्मा ने तथा दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता दैनिक जागरण मेरठ के संपादक रवि प्रकाश तिवारी ने तथा संयोजन सहायक प्रवक्ता सूरज देव प्रसाद ने की। दोनों सत्रों में शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
पैनल चर्चा का आयोजन
इस मौके पर विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एवं गोल्डन स्पैरो के संयुक्त तत्वावधान में पैनल चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने विचार साझा किए। पैनल चर्चा का संयोजन टेडएक्स वक्ता एवं गोल्डन स्पैरो के निदेशक तिलक तंवर एवं ऑल इंडिया रेडियो की आरजे आरती मल्होत्रा ने की। पैनल चर्चा में शिक्षाविद डॉ.संजीव कुमार, शिक्षाविद डॉ. सौरभ कुमार अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता चरणजीव मल्होत्रा, रेनू खुग्गर आदि ने हिस्सा लिया। सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।
ये रहे मौजूद
सेमिनार के पहले दिन के समापन पर विभागाध्यक्ष डा. ममता भाटिया ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शोधार्थियों, उपस्थित श्रोताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम का संचालन छात्रा अनुष्का त्यागी ने किया। इस मौके पर विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन, प्रबंध निदेशक विशाल जैन के साथ रजिस्ट्रार विजय कुमार दुबे, विद्या इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ.राजीव कुमार चेची, विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टीचिंग की निदेशिका डॉ.अनिता कोटपाल एवं डॉ.विंकी शर्मा, विद्या स्कूल ऑॅफ बिजनेस की निदेशिका डॉ.वसुधा शर्मा के साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का योगदान रहा।