Vande Bharat: वंदे भारत क्यों नहीं मचाती इतना शोर! जानिए क्या है तकनीक

Vande Bharat:सबसे पहले कोयले वाली रेल होती थीं। यह रेल जब पटरी पर चलती थीं तो बहुत शोर मचाती थीं। यह रेल जहां से गुजरती थीं वहां से कई कोस तक इनकी आवाज जाती थी। यह आवाज रात में और दूर तक जाती थी। उस जमाने में गांवों में घड़ी भी नहीं थी। गांव के लोग रेलों की आवाजों से समय का अंदाजा लगाया करते थे। रेल क्योंकि समय से चलती थी। अब लेकिन तकनीक बदल चुकी है। अब रेल की आवाज कई कोस दूर तो छोडिए, पास वाले ट्रेक तक नहीं जाती है। गांव के लोग ट्रेन की आवाज सुनकर क्या जागेंगे ट्रेन में यात्रा कर रहे लोगों की नींद कभी खराब नहीं होती है। वह आराम से सोते हुए अपना सफर पूरा कर लेते हैं।

स्प्रिंग वाली तकनीक है

वंदे भारत को आवाज लैस बनाने का प्रयास किया गया है। इस ट्रेन में एयर स्प्रिंग का इस्तेमाल किया गया। पहले से इस्तेमाल हो रही स्प्रिंग के मुकाबले एयर स्प्रिंग में हवा भरी होती है जो स्प्रिंग का ही काम करती है। इस एयर स्प्रिंग का कनेक्शन एक चेंबर से होता है जो इसमें हवा के प्रेशर को संतुलित रखता है। यह एयर स्प्रिंग ट्रेन के चलने पर लगने वाले झटकों को बिल्कुल बेअसर कर देती है। इसीलिए इसमें अदंर बैठे यात्रियों को बाहर की आवाज बहुत कम आती है।

यह स्प्रिंग आवाज को ही नहीं ब्रेक सिस्टम को भी करती है कंट्रोल

यह एयर स्प्रिंग ट्रेन के अलावा ब्रेक सिस्टम को भी कंट्रोल करती है। वंदे भारत ट्रेन के ब्रेक को भी यही स्प्रिंग कंट्रोल करती है। रेल के पहिए बनाने में ट्रेन के पहिए और ब्रेक के बीच थोड़ा सा गैप रखते है। रेल में जब वजन बढ़ता है तो ब्रेक की पोजीशन थोड़ी सी नीचे हो जाती है। वज़न कम होते ही गैप भी कम हो जाता है। कभी-कभी ऐसा होता कि इनमें से ट्रेन के चलने पर जलने जैसी महक आने लगती है। पुरानी स्प्रिंग की यही समस्या रहती थी। अब जब से एयर स्प्रिंग का इस्तेमाल होने लगा है तब से इस तरह की आवाज और महक नहीं आती है। यह यात्रा और ब्रेक के लिहाज से भी काफी कारगर साबित हुई है।

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