General Knowledge: प्लेन के पूरे विंग्स सीधे होते हैं लेकिन आखिर में से मुड़े हुए क्यों होते हैं? क्या होता है इसका काम

General Knowledge: आज दुनिया भर में एक देश से दूसरे दूसरे देश जाने का सबसे तेज यातायात साधन हवाई जहाज है। जो कुछ घंटों की यात्रा में ही हजारों किमी धरती के एक छोर से दूसरे छोर कहीं दूर पहुंचा देता है। हवाई यात्रा आज भी देश में एक एलीट वर्ग के लिए मानी जाती है। 142 करोड़ की आबादी में कई करोड़ लोगों ने अभी हवाई यात्रा नहीं की है। यदि आपने हवाई सफर किया है और विंडो सीट पर किया है तो आपने पूरे सफर के दौरान देखा होगा कि प्लेन के विंग सीधे होते हैं लेकिन आखिरी छोर पर जाकर कुछ मुड़े हुए होते हैं। तो आज जानते हैं कि आखिर इसके पीछे की असल वैज्ञानिक वजह क्या है?

Winglet कहते हैं

बता दें सभी हवाई जहाजों में विंग मुड़े हुए नहीं होते हैं। Winglet विंग की वनावट का एक अतिरिक्त हिस्सा होता है जो जिसकी साइंटिफिक वजह Winglet Vortex विंग के ऊपरी तथा निचले हिस्से में उत्पन्न दबाव को कम करना होता है। यह दो तरह के होते हैं। पहले अंडाकार विंग होते हैं और दूसरे मुड़े हुए विंग वाले जहाज होते हैं।

इसे भी पढ़ेंः UP Sanskrit Board Result 2023 में 12वीं के मुस्लिम छात्र इरफान ने किया टॉप, 13,738 छात्रों को छोड़ा पीछे

Winglet Vortex या Vortices

जानकारी के मुताबिक जब एक हवाई जहाज उड़ान भरता है तो उसके पंखों के ऊपर तथा नीचे एक अलग-अलग तरह का दबाव पैदा होता है। जिससे Winglet Vortex प्लेन की रफ्तार, माइलेज, गति तथा उसकी परफॉर्मेंस पर असर डालता है। जिसके कारण आसमान में भी हवाई जहाज के आस-पास एक निर्वात भंवर उत्पन्न हो जाती है। जो विमान के संतुलन और माइलेज को प्रभावित कर देता है।

तो इसलिए पंखों को मोड़ने की तकनीक फायदेमंद

जैसा कि ऊपर बताया कि पंखों पर हवाई उड़ान के दौरान अलग-अलग तरह के दबाव बनते हैं और एक हवा के भंवर की स्थिति उत्पन्न होती है। जिससे विमान के असंतुलित होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के के लिए यह सुझाव दिए गए कि छोरों पर पंखों को मोड़ने की तकनीक अपनाई जाए। ताकि यात्रा के दौरान उत्पन्न भंवर को और वायुदाब को चीरा जा सके।

इसे भी पढ़ेंः TOP Mechanical Institutes of India:12वीं बाद मेकेनिकल इंजीनियरिंग में चाहते हैं अपना कैरियर,देखें टॉप संस्थानों की सूची

एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे  YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें

Exit mobile version