Tehsildar Vs Patwari: तहसीलदार और पटवारी में किसके पास है ज्यादा पावर, यहां जानिए दोनों के काम और पद के बड़े अंतर

Tehsildar Vs Patwari:  आप सभी ने तहसीलदार और पटवारी का नाम सुना होगा। यह दोनो ही पद प्रशासनिक पद की श्रेणी में आते हैं। इन दोनों ही पद पर बैठे अधिकारियों का अलग – अलग काम होता है। ऐसे में आइए आज इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

तहसीलदार

एक तहसीलदार एक ऐसा प्रशासनिक अधिकारी होता है जो तहसील और डिस्ट्रिक से जुड़े मामले का जिम्मेदार होता है। तहसीलदार का काम होता है कि वह कानून व्यवस्था को अच्छे से बनाए रखे साथ ही उसके तहसील में राजस्व संबंधी किसी भी तरह की दिक्कत लोगों को न होने पाए। एक तहसीलदार राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के बीच में संबंध को मजबूत करता है। इसके साथ ही तहसीलदार अपने क्षेत्र के राजस्व संग्रह, भूमि रिकॉर्ड और कानून व्यवस्था की जानकारी रखता है। वहीं तहसीलदार पटवारी के द्वारा किए गए कामों की निगरानी भी करता है।

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पटवारी

पटवारी का काम गांव या गांवो के समूह की देखभाल करना है। इसके साथ ही पटवारी भूमि रिकॉर्ड को बनाने में भी मदद करता है। इसके साथ ही भूमि से संबंधित विवादों को खत्म करने, भूमि को मापने में भी पटवारी की अहम भूमिका होती है। किसानों के खेतों में होने वाले फसल पैदावार की नाप – जोख रखना भी एक पटवारी का काम होता है। भू – नक्शे को बनाए रखने साथ ही भूमि के लेनदेन को सही करने के लिए भी पटवारी की जरूरत पड़ती है।

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