उत्तर प्रदेश के इस शहर में बन रहा Tabletop Airport, देश में इन जगहों पर पहले से हैं मौजूद

Tabletop Airport

Tabletop Airport

Tabletop Airport: आपने साधारण एयरपोर्ट के बारे में सुना होगा और बहुत से लोगों ने देखा भी होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कुछ जगहों पर Tabletop Airport भी बनाए जा रहे हैं। अभी तक देश में कहीं भी टेबलटॉप एयरपोर्ट नहीं हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर ये Tabletop Airport क्या है? इस आर्टिकल में हम आपको टेबलटॉप एयरपोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं।

देश की इन जगहों पर हैं टेबलटॉप एयरपोर्ट

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब तक एक भी टेबलटॉप एयरपोर्ट नहीं हैं। उत्तर प्रदेश का पहला टेबलटॉप एयरपोर्ट धार्मिक स्थल चित्रकूट की विंध्य पहाड़ी पर बनाया जा रहा है। इसका काम तेजी से चल रहा है। इस एयरपोर्ट के काम को जल्द ही खत्म किया जा सकता है। ये एयरपोर्ट सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बनाया जा रहा है बल्कि कुछ जगहों पर टेबलटॉप एयरपोर्ट पहले से मौजूद हैं। टेबलटॉप एयरपोर्ट मिजोरम के लेंगपुई, हिमाचल के शिमला और कुल्लू, सिक्किम के पाक्योंग, कर्नाटक के मंगलुरू, केरल के कोझिकोड और कन्नूर में पहले से हैं।

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क्या है खासियत?

इन एयरपोर्ट्स को आम शहरों में नहीं बनाया जाता। ये एयरपोर्ट्स उन्हीं जगहों पर बनाए जाते हैं जहां पर साधारण एयरपोर्ट बनाना मुश्किल होता है। टेबलटॉप एयरपोर्ट बेहद खास होते हैं। ये एयरपोर्ट्स बिल्कुल टेबल की तरह होते हैं जैसे बीच में रनवे और इसके दोनों तरफ खाई। ऐसे एयरपोर्ट्स सिर्फ उन्हीं जगहों पर चलाए जाते हैं जहां पहाड़ या पठार हो। इन एयरपोर्ट्स पर कोई साधारण पायलट लैंडिंग नहीं कर सकता क्योंकि इन पर लैंडिंग करना आसान नहीं होता। इस तरह के एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। टेबलटॉप एयरपोर्ट का रनवे आम रनवे के मुकाबले काफी छोटा होता है और बारिश के समय में लैंडिंग करने में सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना होता है क्योंकि उस समय प्लेन के फिसलने का डर रहता है।

टेबलटॉप एयरपोर्ट बनाने में आएगा 146 करोड़ रुपए का खर्च

चित्रकूट में बन रहे इस एयरपोर्ट को बनाने में 146 करोड़ रुपए की लागत लगी है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये टेबलटॉप बनने के बाद यह एयरपोर्ट बुंदेलखंड का पहला वर्किंग एयरपोर्ट होगा। यह एयरपोर्ट भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के अंतर्गत आएगा। इसपर केवल 20 सीटों वाले प्लेन को ही उड़ान भरने की इजाजत दी जाएगी।

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