P Narhari: 2001 बैच के आईएएस अधिकारी परीकिपंडला नरहरि (P. Narhari) लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कड़ी मेहनत और उपलब्धियों ने कई लोगों को उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित किया है। उनके सकारात्मक प्रभाव का ताजा उदाहरण शुभ्रतोष शर्मा हैं, जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC EXAM) को पास करने में कामयाबी हासिल की है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले शुभ्रतोष पी.नरहरि को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।
शुभ्रतोष ने हासिल किया 358 वां रैंक
शुभ्रतोष शर्मा ने यूपीएससी 2022 की परीक्षा पास की है। उन्हें देश में 358वां रैंक मिला है। शुभ्रतोष ने पहली बार IAS अधिकारी बनने का सपना तब देखा था जब वह 12 वीं कक्षा में थे। सिविल सेवाओं की उनकी यात्रा पी नरहरि के साथ उनकी संक्षिप्त मुलाकात के बाद शुरू हुई, जो उस समय ग्वालियर के डीएम और कलेक्टर थे। शिक्षा के माध्यम से बदलाव लाने के उनके दृढ़ संकल्प ने शुभ्रतोष को प्रेरित किया और उन्होंने उनके नक्शेकदम पर चलने का फैसला किया।
‘पी नरहरि को काम करता देख ठान ली थी बात’
शुभ्रतोष के लिए यह आसान नहीं था, जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया। शुभतोष ने 2019 में बी.टेक पूरा करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पिछले साल साक्षात्कार के दौर में असफल होने के बाद, आखिरकार उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण के कारण यूपीएससी सीएसई 2023 में सफलता हासिल की। एक अखबार को दिए इंटरव्यूमें उन्होंने कहा कि” जब मैंने पी नरहरि को काम करता देख था, तभी ठान लिया था की उनके जैसा कलेक्टर बनना है।
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पी नरहरि ने शुभ्रतोष को दी बधाई
शुभ्रतोष की सफलता की कहानी से पी नरहरि भी खुश हैं। उन्होंने अपने ट्विटर पर शुभ्रतोष को शुभकामनाएं भी दी हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि “रहमत तेरी और मेहनत मेरी,” उन्होंने लिखा, “यह सफलता आपकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। सफारी में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड में तुम भी निकल सको तो चलो।” कौन हैं पी नरहरि ?
कौन हैं पी नरहरि ?
बता दें कि पी नरहरि पिछले दो दशकों से एक आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ग्वालियर के जिला कलेक्टर के रूप में उनकी क्षमता में, वे ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों के साथ उनकी समस्याओं को हल करने के लिए बातचीत करने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें विभिन्न दलों की लगातार तीन सरकारों के प्रचार सलाहकार के रूप में श्रेय दिया गया है।
उनके कुशल नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान के तहत इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर भी बना। इसके साथ ही वे एक कुशल लेखक भी हैं। नरहरि ने अब तक आठ किताबें लिखी हैं। नरहरि एक शैक्षिक फाउंडेशन भी चलाते हैं जिसने 400 से अधिक छात्रों को सरकारी नौकरी पाने में मदद की है।
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