Blue Hole: एक ब्लू होल काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके चर्चा के पीछे आने का कारण है कि वैज्ञानिक भी अभी तक यह पता नहीं कर सके हैं कि आखिर यह ब्लू होल बना कैसे। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ब्लू होल 900 फिट तक गहरा है। बताया जा रहा है कि यह धरती का दूसरा सबसे बड़ा ब्लू होल है। फिलहाल यह ब्लू होल मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप के सामने वैज्ञानिकों को मिला है।
मैक्सिको में मिला Blue Hole
मैक्सिको के चेतुमल खड़ी पर यह ब्लू होल पाया गया है। वहीं यह ब्लू होल पानी के 900 फिट गहराई और 13660 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। जिस जगह पर यह ब्लू होल पाया गया है उसे वैज्ञानिकों ने ताम जा नाम दिया है। इसका मतलब होता है गहरा पानी । इसकी आकृति गोलकार है। साल 2021 में पहली बार दिखाई दिया यह ब्लू होल इस बात को दर्शाता है कि समुद्र के अंदर जीवन कैसे रहा होगा।
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2021 में पहली बार पड़ी थी नजर
इस ब्लू होल पर वैज्ञानिकों की पहली बार नजर सितंबर 2021 में पड़ी थी। यह ब्लू होल चेतुमल खाड़ी के मध्य पाया गया था जहां इसे स्थानीय भाषा में पोजस नाम दिया गया। रिसर्चर के द्वारा सितंबर 2021 में कैमिकल वाटर की जांच करने के लिए स्कूबा डाआईबी लगाया गया था। फिर यह बताया गया कि इनकी संरचना शंकु के जैसी है। वहीं इसके लावण्या में भी बदलाव देखा गया है।
यहां है सबसे गहरा ब्लू होल
वैज्ञानिकों ने यह बताया है कि पृथ्वी का सबसे गहरा ब्लू होल दक्षिण सागर में है। इसकी गहराई 987 फिट के लगभग है। इन ब्लू होल के बनने के कारण के बारे में बताया गया है कि चुना पत्थर है। जब यह समुद्री पानी में मिलता है तो इस तरह का ब्लू होल बनता है। यह हल्का होने के कारण पानी में भी जल्दी घुल जाता है।
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