School News: जालौर के प्रवासियों में स्कूल को लेकर मची होड़, करोड़ों रुपए खर्च कर बना रहे आधुनिक विद्यालय

School News: राजस्थान से एक बहुत ही अद्भुत खबर आ रही है। जहां शिक्षा क्षेत्र में शिक्षा के लिए राज्य के प्रवासी एक अतुलनीय योगदान दे रहे हैं। ऐसे एक नहीं बल्कि एक साथ कई प्रवासियों ने इस काम का बीड़ा उठाया है। जी हां राजस्थान के जालौर में प्रवासियों द्वारा शानदार स्कूल भवन बनवाने की होड़ लगी हुई है। राजस्थान के प्रवासी 2 करोड़ से लेकर 5 करोड़ तक के स्कूल भवनों को बनवाकर राज्य सरकार को भेंट कर रहे हैं। अमूमन सरकार द्वारा बनाए विद्यालयों को देखते हैं तो वह 2-3 कमरों के छोटे-छोटे स्कूल होते हैं। जबकि जालौर में इसकी स्थिति ठीक उलट है। स्कूल बनवाने की इस होड़ का सबसे अधिक फायदा पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों के साथ सरकार को भी मदद मिल रही है।

जानें क्या है पूरा मामला

राजस्थान के जालौर जिले के गावों के अधिकतर लोग प्रवासी हैं। जिन्होंने बड़ी संख्या में अपने-अपने गावों में शानदार स्कूलों का निर्माण कराने का बीड़ा उठा लिया है। यही नहीं करोड़ो रुपए की लागत से बने इन शानदार स्कूलों को बनवाकर राज्य सरकार को भेंट कर रहे हैं। प्रवासियों में मची इस अनोखी होड़ के कारण जालौर जिले की शिक्षा का कायाकल्प होना शुरू हो चुका है। इन लोगों का ये स्टेप एक ऐसे अभियान का रूप ले चुका है कि इन प्रवासियों ने डोनेशन देने की बजाय आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से परिपूर्ण स्कूल बनवाकर सरकार को सौंप रहे हैं।

इसे भी पढ़ेंःToilet In Indian Railway:एक भारतीय की चिट्ठी ने बदल दी रेलयात्रा की तस्वीर,जानें क्या है ट्रेन में टॉयलेट लगाने की कहानी

दर्जनों स्कूलों का हो रहा निर्माण

बता दें इन प्रवासियों को अपने गांव के स्कूल से लगाव होने के कारण खुद ही गुणवत्तापूर्ण स्कूल भवन बनवा रहे हैं । इन्हीं में से जालौर के भीनताल के बीच स्थित आकोली गांव के पुराने स्कूल परिसर में ही गांव के जितेंद्र खिंवेसरा एक स्कूल बनवा रहे हैं। करीब 2.20 करोड़ की लागत से बनने वाले स्कूल को वह अपने माता-पिता के नाम पर समर्पित कर रहे हैं। इसी तरह गांव बी ढाणी में मनोज कुमार, पांचाराम बिश्नोई 2.26 करोड़, हाड़ेचा गांव में बाबूलाल भंसाली 3.05 करोड़, नरसाणा गांव के जसवंत सिंह बालावत 2.28 करोड़, गांव ओटवाला में सुभाष राजपुरोहित ने 3.51करोड़ की लागत से स्कूल के निर्माण कर रहे हैं। इसके साथ-साथ कुछ गांवों में लोग सामूहिक ट्रस्ट के माध्यम से भी निर्माण कर रहे हैं। जिनमें दादाल गांव की छत्र शांति चेरिटेबल संस्था 2.51 करोड़, गांव रेवतड़ा की पाबुदेवी गोराजी ट्रस्ट 4.16 करोड़ की लागत से, भुंडवा में महावीर जैन श्र्वेतांबर पेढ़ी 3.30 करोड़ तथा गुड़ाबालोतान का कांतिबाई रामानी ट्रस्ट 2.25 करोड़ की लागत से स्कूलों का निर्माण कर जिले की तस्वीर बदल रहे हैं।

इसे भी पढ़ेंः TOP Mechanical Institutes of India:12वीं बाद मेकेनिकल इंजीनियरिंग में चाहते हैं अपना कैरियर,देखें टॉप संस्थानों की सूची

एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे  YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें

Exit mobile version