RTE के तहत एडमिशन नहीं देने पर स्कूलों के खिलाफ होगी सख्त कारवाई , हो सकती है मान्यता रद्द

RTE : Right To Education यानी शिक्षा का अधिकार के तहत हर विद्यालय में कुछ प्रतिशत सीट जरूरतमंद बच्चों के लिए आरक्षित की जाएंगी। जो भी छात्र आर्थिक रूप से पढ़ने में असक्षम है । इस योजना के तहत वह किसी भी प्राइवेट और निजी स्कूल में पढ़ सकते है। लेकिन काफी स्कूल सरकार के इस आदेश का पालन नहीं कर रहे । जिसके चलते सरकार ने सूरजपुर में स्थित कलक्ट्रटे में एक सभा का आयोजन किया था, जिसमें सभी आठ स्कूलों के प्रतिनिधि पहुंचे । केवल एक स्कूल से कोई भी प्रतिनिधि इस सभा में शामिल नहीं हुआ।

बैठक में पूछे गए काफी सवाल


शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को आयोजित हुई इस बैठक में शामिल हुए स्कूलों के प्रतिनिधि से आरटीआई के तहत कितने दाखिले हुए इस बात को लेकर काफी देर चर्चा हुई। ADM वित्त वंदिता का इस मामले में कहना था कि यह सरकार द्वारा चलाई गई काफी अच्छी योजना है। इस योजना को हमें बिल्कुल भी असफल नही होने देना है। इस योजना के अंतर्गत कुछ प्रतिशत सीट में गरीब बच्चों का एडमिशन होना भी जरूरी है। यदि कोई भी स्कूल इस योजना का पालन नहीं करता , तो सरकार उस स्कूल के खिलाफ काफी सख्त कारवाई करेगी।

आय प्रमाण पत्र जाँच करने की मांग


इस सभा में स्कूल के प्रतिनिधियों ने अभिभावकों द्वारा जमा किए गए आय प्रमाण पत्र को लेकर एक मांग की है । उनका कहना है कि कई अभिभावक नकली आय प्रमाण पत्र बनाकर स्कूल में दाखिला करा रहे है। जिसे हम लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है । ADM ने इस मामले में कहा कि अगर किसी भी स्कूल को एडमिशन की प्रक्रिया के दौरान किसी भी चीज में संदेह लगता है तो ,वह उस छात्र के एडमिशन को रोक कर आगे जाँच के लिए भेज सकते है। स्कूलों ने आय प्रमाण पत्र के जाँच की रिपोर्ट जल्द से मंगवाने की मांग की जिसे एडमिशन में कोई दिक्कत ना आए।

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कौन से स्कूल शामिल थे ?


शिक्षा विभाग द्वारा हुई इस बैठक में कुल 8 स्कूल शामिल थे जिसमें से राघव ग्लोबल स्कूल नोएडा , बाल भारती पब्लिक स्कूल नोएडा , मानव रचना स्कूल नोएडा , लोटस वैली स्कूल , दिल्ली वार्ड पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा वेस्ट और समर विले स्कछल नोएडा के स्कूल प्रतिनिधि शामिल थे । केवल द मिलूनियम स्कूल के प्रतिनिधी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।

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