Rahul Gandhi Education: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए हैं। पहले तो इस बात के लिए कि उन्होंने कुछ समय पहले ही भारत जोड़ो यात्रा में 4080 किलोमीटर की यात्रा तय की। उनकी यह भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर श्रीनगर में खत्म हुई थी। इस यात्रा के दौरान भारत की जनता ने उनका काफी साथ दिया। इसके साथ ही वे अन्य लोगों से मिलते-जुलते रहे। इस यात्रा के दौरान वे अपनी टी-शर्ट और दाढ़ी के लिए भी चर्चा में बने हुए हैं। अब हाल ही में उन्होंने संसद में गौतम अडानी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा था जिसके बाद भाजपा ने भी उन्हें जवाब दिया जिसके कारण वे चर्चा में हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में बताने जा रहे हैं।
राहुल गांधी की शुरुआती पढ़ाई
बता दें कि राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली के हॉली फैमिली अस्पताल में हुआ। राहुल का बचपन दिल्ली में बीता था। यहां उनकी पढ़ाई दिल्ली के St. Columba’s में हुई और फिर वो पढ़ाई के लिए देहरादून चले गए। उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और राहुल गांधी के पिता इंडियन एयरलाइन्स में पायलट थे। उन्हें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बन गए और इस हत्या के बाद राहुल और प्रियंका गांधी का स्कूल जाना बंद हो गया। दोनों की होम-स्कूलिंग शुरू करा दी गई।
राहुल गांधी ने यहां से की ग्रेजुएशन
साल 1989 में राहुल गांधी ने ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में एडमीशन लिया। यहां उन्होंने एक साल पढ़ाई की उसके बाद वे अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। इसी बीच उनके पिता राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। यह देखते हुए सुरक्षा कारणों से उन्हें फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज भेज दिया गया। उन्होंने रोलिंस कॉलेज से साल 1994 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। रोलिंस कॉलेज में उन्होंने अपना नाम बदल लिया। उनका असली नाम और उनकी आइडेंटिटी यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स और सिक्योरिटी एजेंसी के लोगों को ही पता थी।
यहां से किया एम.फिल
साल 1995 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में एम.फिल करने के लिए दाखिला लिया और उन्होंने डेवेलपमेंट स्टडीज में एम.फिल किया।
न चाहते हुए भी राजनीति में रखा कदम
एम.फिल खत्म करने के बाद उन्होंने लंदन के मॉनिटर ग्रुप नामक मैनेजमेंट फर्म में नौकरी भी की। इसके बाद उन्होंने साल 2002 में मुंबई में टैक्नॉलॉजी कंसल्टेंसी कंपनी खोली। राहुल गांधी इस कंपनी के डायरेक्टर थे। खबरों की मानें तो वो राजनीति में नहीं आना चाहते थे और इस कंपनी में अपना करियर बनाना चाहते थे लेकिन उन्हें सियासत की रणभूमि में उतरना पड़ा।
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