PLAY SCHOOL : स्कूल में एडमिशन लेने में जितना समय लगता है उसे कई ज्यादा समय स्कूल को ओपन करने में और उसे मान्यता प्राप्त कराने आदि कामों में लगता है । स्कूल चलाना वैसे तो एक प्रकार का बिजेनस है , लेकिन ये शिक्षा का मंदिर है, जहां पर देश के भविष्य को तैयार किया जाता है। किसी भी प्रकार का स्कूल खोलने की काफी सारी चीजों को करना जरूरी होता है। आज हम आपको छोटे बच्चों के प्ले स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं। आप किस तरह से घर पर ही या फिर किसी अन्य स्थान पर प्ले स्कूल को खोलकर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।प्ले स्कूल खोलने के लिए एक प्रक्रिया में काम करना होता है, नहीं तो आगे चलकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । प्ले स्कूल को खोलने के लिए एक अच्छी कानून व्यवस्था का होना भी जरूरी है क्योंकि अगर कभी कोई भी दिक्कत आए तो कानून आपकी मदद कर सकें ।
सबसे पहले बोर्ड का करें चयन
कभी भी स्कूल को खोलने के लिए सबसे पहले स्कूल में पढ़ाए जाने वाले बोर्ड का चयन करें कि, आप किस तरह के बोर्ड को अपने स्कूल में लागू करना चाहते हो जैसे -राज्य बोर्ड या फिर सीबीएसई बोर्ड।
इसके अलावा आपको आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत होना होगा इसके लिए आप किसी बैंक से या फाइंनेंस इंस्टीट्यूट से भी लोन ले सकते हो , लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बैंक सेटिफाइड होना चाहिए।
अगर आप अपना कोई दूसरा बोर्ड चलाना चाहते है , तो उसके लिए आप पहले से ही अपने बोर्ड मेंम्बरस से बात करके रखें ताकि आगे चल कर कोई नई समस्या खड़ी ना हो जाए ।
आपने जिस भी तरह की इमेज अपने स्कूल को लेकर बना रखी है। आपके जो भी प्लान है उन सबका एक ब्लू प्रिंट तैयार करके शिक्षा और स्वास्थय विभाग को दिखा कर उनकी अनुमति लें।
ये भी पढ़ें: Indian Railway: अगर आप भी इन जगहों पर ले रहे हैं सेल्फी तो हो जाएं सावधान, जानिए क्या हैं नियम और सजा के प्रावधान
कहाँ बनाए स्कूल
सबसे महत्वपूर्ण स्टेप किसी भी स्कूल को खोलने के लिए है उसकी जगह क्या सहोनी चाहिए। क्योंकि कोई भी अभिभावक अपने बच्चे का एडमिशन किसी भी स्कूल में कराने से पहले वहां के आस-पास की जगह को देखते है। इसलिए कहीं भी स्कूल खोलने से पहले वहां पर बच्चों की सुविधा , उनके खेलने के लिए खुली जगह , स्कूल के आस-पास शांति होना भी जरूरी और स्कूल शहर के बीचों – बीच होना भी जरूरी है । इस सब चीजों को देखने के बाद ही स्कूल को उस जगह बनाने की सोचें ।
हमारे भारत में 6 से लेकर 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा आर्टिकल 21 ए के तहत दी एक्ट टू ऐजुकेशन , 2009 के माध्यम से एकदम मुफ्त हैं। इस आर्टिकल के अनुसार इन बच्चों की शिक्षा में कोई भी फीस नहीं लगेगी। लेकिन इसके बावजूद काफी सारे प्ले स्कूल एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से काफी पैसे लूटते है । इसके बाद आपको यह बात तय करनी है कि,आप किस प्रकार का स्कूल खोल रहे है जैसे फुल- टाइम , डे- केयर या सिर्फ कुछ घंटों के लिए आदि का भी ध्यान रखना जरूरी है ।
अगले चरण में आपको अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से विज्ञापन , इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर भी ध्यान देना है । सरकार ने महिलाओं के लिए प्ले स्कूल खोलने के लिए काफी सारी योजनाएँ बना रखी है । जिसके तहत बैंक द्वारा कम ब्याज में पैसा मिल सकता है जिसे वापस करने के लिए सरकार उचित समय भी देती है । प्ले स्कूल में टीचर्स का सेलेक्शन नेशनल काउंसिल फॉर ऐजुकेशन के तहत ही किया जा सकता है। जिसमें टीचर्स के पास बीएड की डिग्री या कम से कम एक साल का डिप्लोमा होना जरूरी है।यह सब चीजें चुनने के बाद ही आप एक अच्छा प्ले स्कूल खोलने में कामयाब हो सकते है ।
ये भी पढे़ं: History Of Clock: घड़ी के आविष्कार से पहले लोग कैसे देखते थे टाइम ? बड़ी दिलचस्प है इसकी कहानी
एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें।