Malana village: भारत का ऐसा गांव जहां बहुत अलग है नियम, किसी भी चीज को छूने पर मिलता है दंड

Malana village

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Malana village: कहा जाता है कि भारत में इतनी विविधता है की यहां 100 किलोमीटर के बाद भाष और खानपान बदल जाता है। वहीं, कानून की बात करें तो ये सब जगह एक जैसा ही है। भारत के अधिकतर क्षेत्रों में कानून को एक तरह से फॉलो किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां उनके अपने ही नियम चलते हैं। इन कानूनों में एक ऐसा कानून है जो सबसे ज्यादा विचित्र है और ये आपको मुसिबत में डाल सकता है।

दरअसल, यहां किसी भी चीज को छूने पर पाबंदी है और यदि कोई ऐसा कर देता है तो उससे दंड वसूला जाता है। बावजूद इसके यहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। ये कानून गांव में आने वाले हर बाहरी व्यक्ति पर लागू होता है। इस कानून की पूरी जानकारी गांव के बाहर ही एक बोर्ड में चस्पा है जिसे पढ़ना सबके लिए जरूरी है। इस नोटिस में लिखा है कि अगर आपने गांव में कुछ छू लिया तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा भी कौन सा गांव है जहां किसी भी चीज को छूने की मनाही है और फिर यहां लाखों लोग आते हैं ? आइए आपको बताते हैं…

हिमाचल के कुल्लू में स्थित है ये गांव

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मलाणा गांव स्थित है, जहां ये विचित्र कानून चलता है। इस गांव में जाने के बाद अगर आपने कुछ छू लिया तो आपके ऊपर 1 हजार से लेकर 2500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यहां नियम इतना सख्त है कि पर्यटक दुकान का भी सामान नहीं छू सकते हैं। अगर आप इस गांव में जाते हैं और वहां के किसी दुकान से कुछ खरीदते हैं तो आपको दुकानदार हाथ में सामान नहीं देगा, बल्कि दुकान के बाहर सामान रख देगा। जिसके पैसे भी आपको बाहर ही रखने होंगे।

यहां चलता है दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र

इस गांव की एक खास बात ये भी है कि इतिहास में इसका अपना खुद का एक संविधान होता था। इसी संविधान के हिसाब से ये पूरा गांव चलता था और आज भी यहां इसी संविधान के कई नियम चलते हैं। कहा जाता है कि इस गांव में दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है। पहाड़ियों से घिरे इस गांव में जब आप जाएंगे तो आपको एक अलग ही अहसास होगा, आपको यहां के लोगों को और उनके तौर तरीकों के देखने पर लगेगा जैसे आप एक अलग ही दुनिया में आ गए हैं।

सिकंदर के वंशजों का है ये गांव

कहा जाता है कि जब सिकंदर ने हिंदुस्तान पर हमला किया था, तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव में ही पनाह ली थी। इसके बाद वो लोग यहीं पर बस गए। माना जाता है कि यहां रहने वाले लोग उन्‍हीं सैनिकों के वंशज हैं। इतना ही नहीं, सिकंदर के जमाने की कई चीजें भी आपको इस गांव में मिल जाएंगीं। सिकंदर के जमाने की तलवार आज भी यहां एक मंदिर में रखी हैं।

गांव में बोली जाती है अगल तरह की भाषा

मलाणा गांव में रहने वाले लोगों की भाषा भी एकदम अजीबोगरीब है। यहां के लोग कनाशी भाषा में बात करते हैं. कहा जाता है कि ये भाषा मलाणा के अलावा दुनिया में और कहीं नहीं बोली जाती। सिर्फ मलाणा में रहने वाले लोग ही इस भाषा को समझ सकते हैं। आज तक कोई बाहरी व्‍यक्ति इनकी भाषा को नहीं समझ पाया है क्‍योंकि ये भाषा किसी बाहरी व्‍यक्ति को नहीं सिखायी जाती. कई देशों में इस भाषा को लेकर शोध हो रहे हैं।

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