Non-Payment Of Salary In India: आज दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। भारत समेत पूरी दुनिया में काम करने वाले लोगों के लिए कई तरह के अधिकार हैं। मगर आज भी इन सबके बाद सैलरी वाले पर्सन के साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों में मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता है।
कर्मचारियों के लिए परेशानी बढ़ाते नियम
ऐसे में कई बार कर्मचारी अपने ऑफिस के नियमों से परेशान हो जाता है। कई बार देखा जाता है कि कर्मचारी की सैलरी को रोक दिया जाता है। कई बार उसकी नौकरी की शिफ्ट को बदल दिया जाता है। ऐसे में काफी कर्मचारी कंपनी के ऐसे नियमों से परेशान हो जाते हैं, अगर आप भी दफ्तर की ऐसी किसी समस्या से दो-चार हो रहे हैं तो आपको इस आर्टिकल पर ध्यान देना चाहिए। इस मजदूर दिवस पर जानिए क्या हैं कर्मचारियों के अधिकार।
सैलरी रोकने पर कर्मचारी क्या करें
अगर कोई भी कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी सैलरी समय पर नहीं देती है या फिर सैलरी देने से मना कर देती है। ऐसे में कंपनी की शिकायत की जा सकती है। कर्मचारी अगर कंपनी में काम करता है तो उसे अपनी सैलरी लेने का पूरा अधिकार है। ऐसे में बेहतर होगा कि सबसे पहले कर्मचारी कंपनी के प्रशासन से विनम्रता से बातचीत करें और सैलरी के मसले को सुलझाने की कोशिश करें।
कर्मचारी के पास क्या है अधिकार
इसके बाद कर्मचारी चाहे तो राज्य की श्रम आयुक्त, श्रम अदालत और जिला अदालत में सीधे तौर पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। वहीं, अगर कर्मचारी से एक निश्चित शिफ्ट से अधिक काम करवाया जाए तो इसकी भी शिकायत की जा सकती है। ऐसे में एक कर्मचारी श्रम कोर्ट के अदालत में लिखित तौर से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
नोटिस पीरियड पूरा नहीं पर क्या होगा
यहां पर आपको बता दें कि अगर कर्मचारी अपना नोटिस पीरियड पूरा नहीं करता है और कंपनी उस पर कानूनी कार्रवाई की धमकी देती है। आपको बता दें कि ऐसी सूरत में कर्मचारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता है। हालांकि, अगर कर्मचारी ने किसी बांड या फिर किसी समझौते पर साइन किए हैं तो उसे नोटिस पीरियड पूरा करना पड़ सकता है। वरना कंपनी उस कर्मचारी पर नुकसान का हवाला देकर अदालत में केस कर सकती है।
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