New Education Policy: भारत की शिक्षा व्यवस्था काफी कठिन और लंबी स्तरों से होकर गुजरती है। ऐसे में अगर आप एक अच्छी नौकरी की तलाश में हैं तो आप पीएचडी पूरी करने के बाद एक अच्छा करियर बना सकते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि पीएचडी के लिए मास्टर्स डिग्री की जरूरत हैं तो आप गलत सोच रहे हैं। दरअसल, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अब एक ग्रेजुएशन पास करने वाला छात्र भी पीएचडी में एडमिशन ले सकता है। अगर आपको इस पर यकीन नहीं हो रहा है तो आपको बता दें कि ये 100 फीसदी सच है।
ग्रेजुएशन के बाद करें पीएचडी
आप ग्रेजुएशन के बाद ही पीएचडी कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। आपको बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि कि यूजीसी के आदेश के अनुसार, 4 साल की ग्रेजुएशन के बाद उम्मीदवार सीधे पीएचडी की डिग्री के लिए आवेदन कर सकता है। इस दौरान उम्मीदवार को मास्टर्स की डिग्री लेने की जरूरत नहीं है।
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ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी के लिए क्या है योग्यता
पीएचडी में दाखिले के लिए नए नियमों के तहत अब 4 साल की स्नातक वाला उम्मीदवार डॉक्टरेट की डिग्री के लिए आवेदन कर सकता है। यूजीसी के मुताबिक, उम्मीदवार के पास कम से कम 75 फीसदी अंक ग्रेजुएशन में होने चाहिए। या फिर 75 फीसदी अंकों के बराबर ग्रेडिंग होनी चाहिए।
पीएचडी के लिए एडमिशन प्रोसेस
इसके बाद अगर उम्मीदवार के पास इतनी योग्यता है तो वह जिस भी कॉलेज भी एडमिशन लेना चाहता है, वहां पर उसे एंट्रेंस एग्जाम के लिए पंजीकरण करना होगा। इसके बाद एंट्रेंस एग्जाम पास करना होगा, फिर कई कॉलेजों में इंटरव्यू भी लिया जाता है। इसके बाद उम्मीदवार के डॉक्यमेंट्स को वेरिफाई किया जाएगा। सबकुछ सही रहने पर उम्मीदवार को पीएचडी प्रोग्राम के लिए लिए एडमिशन दे दिया जाएगा। पीएचडी प्रोग्राम 3 साल से लेकर अधिकतम 6 साल की होती है।
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