Mahmud Begada: इतिहास में ऐसे कई राजा हुए हैं जिनकी कहानियां बेहद डरावनी और खतरनाक हैं। इसी तरह का एक राजा था महमूद बेगड़ा, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह इतिहास का सबसे जहरीला राजा था। महमूद बेगड़ा इतना जहरीला था कि अगर उसे कोई मच्छर भी काट लेता था तो वो खुद ही मर जाता था। इतना ही नहीं उसके थूक देने से लोगों की मौत हो जाती थी। महमूद बेगड़ा पैदाइशी जहरीला नहीं था, बल्कि अपने दुश्मनों से बचने के लिए उसने बचपन से ही जहर खाना शुरू कर दिया था।
महमूद बेगड़ा कैसे बना इतना जहरीला ?
कहा जाता है कि उसके शुभचिंतकों ने उसे बचपन से ही जहर देना शुरू कर दिया था, ताकि कभी उसे कोई जहर देकर न मार सके। हालांकि इसके कारण उसका पूरा शरीर यहां तक की उसका खून भी किसी आम इंसान या मच्छर मक्खियों के लिए विशैला हो गया था। इसी की वजह से उसके शरीर पर जब कोई मक्खी बैठ जाती तो तुरंत मर जाती थी। कहा जाता है कि उसे बचपन में मारने के लिए किसी ने जहर दिया था, लेकिन उसकी मौत तो नहीं हुई। इसके बाद से उसने खाने में जहर लेना शुरू कर दिया था।
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कौन था ये महमूद बेगड़ा
बता दें कि महमूद शाह प्रथम को ही ‘महमूद बेगड़ा’ के नाम से जाना जाता है। इसका पूरा नाम ‘अबुल फत नासिर-उद-दीन महमूद शाह प्रथम’ था। महमूद बेगड़ा गुजरात का छठवां सुल्तान था। बहुत ही कम उम्र में उसे गद्दी पर बिठा दिया गया था। उसने 25 मई 1458 से 23 नवंबर 1511 तक गुजरात पर शासन किया। वह गुजरात के सुल्तानों में सबसे प्रमुख और बड़ा सुल्तान था। जब वह गद्दी पर बैठा था तब उसकी उम्र महज 13 साल थी, उसने 52 साल तक की उम्र तक शासन किया। उसे बेगड़ा की उपाधि गिरनार और चंपानेर को जीतने के बाद मिली थी। उसने चंपानेर को अपनी राजधानी बनाया था।
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