MBBS Next:राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा देश में पहली बार शुरू होने जा रहा है एमबीबीएस नेक्स्ट (नेशनल एग्जिट टेस्ट) परीक्षा। मेडिकल के पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश। अभ्यर्थी नेक्स्ट चरण-1 की परीक्षा के अंक 5 साल के लिए मान्य होंगे। बताया जा रहा है कि, अभ्यर्थी अपनी रैंक सुधारने के लिए इस परीक्षा को कई बार दे सकते हैं। नेक्स्ट फेज-1 की परीक्षा दोबारा देता है तो आखिरी परीक्षा का स्कोर ही मान्य होगा। जानें क्या क्या बदलाव किए गए हैं।
नेक्स्ट परीक्षा की डिटेल्स
चरण 1 की परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड होगी।इसमें ऑब्जेक्टिव सवाल होंगे। पीजी में एडमिशन के लिए इसके मार्क्स ही मान्य होंगे। लेकिन छात्रों को चरण 2 की परीक्षा पास करना भी जरूरी है।
एमबीबीएस फाइनल इयर के छात्रों को नेक्स्ट चरण एक की परीक्षा पास करने के बाद 1 साल की इंटर्नशिप करना जरूरी है। इंटर्नशिप के पश्चात ही दूसरे चरण की परीक्षा के लिए एलिजिबल होंगे।
आपको बता दें कि इस परीक्षा में वायवा, प्रैक्टिकल और क्लिनिकल सवाल पूछे जाएंगे। दोनों परीक्षाओं को पास करने वाले उम्मीदवारों को ही डॉक्टरी का लाइसेंस मिलेगा। पीजी में एडमिशन के लिए नेक्स्ट चरण-एक के मार्क्स के आधार पर ही रैंक तय की जाएगी।
नेक्स्ट परीक्षा के लिए पंजीकरण शुरू
ये परीक्षा देश में पहली बार आयोजित होने वाली है। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन होगा। 28 जुलाई को इसका आयोजन होगा। मॉक टेस्ट के लिए पंजीकरण 28 जून से शुरू हो चुके हैं। फाइनल इयर के छात्र ही इस परीक्षा में बैठ सकते हैं।
परीक्षा के लिए योग्यता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस परीक्षा को सबसे पहले 2019 बैच के लिए आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले के छात्रों के लिए नीट पीजी परीक्षा ही मान्य होगी। विदेश से आए एमबीबीएस छात्रों को पहले एफएमजीई की परीक्षा देनी होती थी और फिर एक साल की इंटर्नशीप करनी पड़ती थी। नेक्स्ट के जरिए विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र भी इस परीक्षा में बैठ सकेंगे।
चरण एक के अंक 10 वर्षों के लिए मान्य होंगे
नंबरों में सुधार के लिए नेक्स्ट चरण 1 की परीक्षा कितनी भी बार दिया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि, नेक्स्ट चरण 2 पास कर ली गई हो। एमबीबीएस में एडमिशन के 10 सालों के अंदर ही नेक्स्ट1, 2 की परीक्षआ पास करना अनिवार्य है। पीजी के लिए नेक्स्ट-1 पांस साल के लिए मान्य होगा। बता दें जो अभ्यर्थी स्कोर में सुधार के लिए परीक्षा देंगे उनका अंतिम परीक्षा का स्कोर मान्य होगा।
इन विषयों में लाने होंगे 50 से अधिक अंक
- मेडिसिन एंड एलाइड डिसिप्लीन्स
- सर्जरी एंड एलाइड डिसिप्लीन्स
- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनाकोलॉजी
- पीडियाट्रिक्स
- ओटोराइनोलैरिंगोलॉजी
- ऑफथैल्मोलॉजी
गौरतलब है, दिल्ली एम्स इस परीक्षा को आयोजित कर रहा है। इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी। इस विषयो में अधिक अंक लाने वाले छात्रों को अच्छी रैंक मिलेगी।अंतिम वर्ष में सभी 6 विषयों में 50 अंक लाने के साथ नेक्स्ट 1 में सभी 6 विषयों में अलग-अलग 50 अंक लाना अनिवार्य है। नेक्स्ट में किसी परीक्षा में फेल होने पर अगले साल सिर्फ उसी विषय की परीक्षा देनी होगी जिसके बाद ही छात्र इंटर्नशिप के लिए एलिजिबल होंगे।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।