How Helicopter Fly: हेलीकॉप्टर उड़ता तो पंखों से है, लेकिन मुड़ता कैसे है? सिर घुमा देगी इसके पीछे की साइंस

How Helicopter Fly

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How Helicopter Fly: आसमान में उड़ते हेलीकॉप्टर को देखकर आपको कभी न कभी वॉर जोन की याद तो आई होगी। वॉर जोन में हेलीकॉप्टर से बेस्ट कुछ नहीं। क्योंकि हेलीकॉप्टर के जरिए हर तरफ से दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। यूं तो एक हेलीकॉप्टर कैसे भी उड़ सकता है, मसलन आगे, पीछे, दाएं, बाएं या ऊपर-नीचे। हवाई जहाज भी हवा में उड़ता है। लेकिन, हवाई जहाज को उड़ने में उसका इंजन और उसके विंग्स मदद करते हैं। विंग्स की सहायता से ही हवाई जहाज दाएं या बाएं मुड़ता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा की हेलीकॉप्टर कैसे उड़ता है ? जबकि हेलीकॉप्टर में तो विंग्स भी नहीं होते। तो हेलीकॉप्टर में ऐसी क्या साइंस छिपी है की वो कहीं से भी उड़ सकता है। आपके इन्हीं सवालों के जवाब आज हम इस खबर में देंगे।

हवा में कैसे उड़ता है हेलीकॉप्टर ?

हेलीकॉप्टर में ऊपर की तरफ पंख लगे होते हैं, जिन्हें रोटेटिंग ब्लेड कहा जाता है। ये लगभग आपके घर में लगे सीलिंग फैन जैसा ही होता है। घर में लगा सीलिंग फैन जहां हवा को ऊपर से नीचे की तरफ धकेलता है, वैसे ही हेलीकॉप्टर में लगे पंख भी काम करते हैं। हेलीकॉप्टर में इसी सिद्धांत को उल्टा कर दिया जाता है, मतलब पंखे को उल्टा लगा दिया जाता है, जो हवा को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलता है। जिसके कारण हेलीकॉप्टर हवा में ऊपर की तरफ उड़ पाता है। इसीलिए हेलीकॉप्टर के उड़ने पर धूल भी उड़ती है। हेलीकॉप्टर के हवा में उड़ने के इस सिद्धांत को फिजिक्स की भाषा में Bernoulli Principle कहा जाता है। हेलीकॉप्टर एक तरह का एयरक्राफ्ट है, जो उड़ने के लिए रोटेटिंग विंग्स का इस्तेमाल करता है। इन रोटेटिंग विंग्स को ब्लेड्स कहा जाता है। हेलीकॉप्टर इन्हीं रोटेटिंग ब्लेड्स की मद्द से सब कुछ कर पता है। जबकि हवाई जहाज में ऐसा करना संभव नहीं।

क्या कहता है Bernoulli’s Principle

बरनौली का सिद्धांत के अनुसार, जब स्पीड बढ़ती है तो प्रेशर घटता है और जब स्पीड घटती है तो प्रेशर बढ़ता है। इस तरह हवा की स्पीड और हवा का प्रेशर एक दूसरे से संबंधित होता है। विंग्स को कुछ इस तरह से बनाया जाता है कि उनका ऊपर का भाग कर्व्ड रहता है जबकि विंग्स नीचे का भाग फ्लैट होता है। विंग्स का यह शेप अपने ऊपर से गुजरने वाली वायु की गति को, नीचे से गुजरने वाली वायु के मुकाबले बढ़ा देता है, जिससे ऊपर की हवा का प्रेशर कम हो जाता है और नीचे की हवा का प्रेशर बढ़ जाता है। इससे विंग्स को ऊपर उठने में मदद मिलती है।

दाएं-बाएं कैसे मुड़ता है हेलीकॉप्टर ?

हेलीकॉप्टर उड़ता कैसे है ये तो आपको पता चल गया, लेकिन वो दाएं-बाएं कैसे होता है ? ये सवाल भी जानना जरूरी है। दरअसल, हेलीकॉप्टर अपने रोटर ब्लेड्स की मद्द से ही अपनी दिशा बदलता है। इन्हीं के चलते हेलीकॉप्टर को दाएं-बाएं या आगे-पीछे चलाया जाता है। पायलट के पास पांच बेसिक मूवमेंट और स्टीयरिंग कंट्रोल होते हैं, जिनमे दो हैंड लीवर्स जिन्हें कलेक्टिव और साइक्लिक पिच कहा जाता है, एक थ्रोट और दो फुट पेडल्स शामिल होते हैं। हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए इन अलग-अलग कंट्रोल के बीच एक कांप्लेक्स इंटरप्ले शामिल होता है। हेलीकॉप्टर को मूव कराने के लिए पायलट साइक्लिक पिच में घूमते हुए ब्लेड्स में से चुनिंदा ब्लेड्स के एंगल को बदलता है।

नहीं आया समझ, तो उदाहरण से समझिए

उदाहरण के तौर पर समझिए अगर हेलीकॉप्टर को बाएं की तरफ मुड़ना है, तो पायलट दाएं तरफ के ब्लेड्स के एंगल को बढ़ा देगा और बाएं की तरफ से ब्लेड्स का एंगल कम कर देगा. जिससे हेलीकॉप्टर के दाएं तरफ एक लिफ्त पैदा होगी और हेलीकॉप्टर दाएं की तरफ मुड़ जाएगा। इसी तहत हेलिकॉप्टर को आगे-पीछे भी किया जाता है। जिसके लिए हेलिकॉप्टर के फ्रंट रोटर ब्लेड्स के एंगल को कम किया जाता और पीछे लगे रोटर ब्लेड्स के एंगल को बढ़ा दिया जाता है। जिसके चलते हेलीकॉप्टर आगे पीछे हो पाता है।

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