Journey to Past: अभी साल 2023 चल रहा है, मगर हम कहें कि अभी साल 2015 ही चल रहा है तो आप मानेंगे? जी हां, ये सच है अभी दुनिया भले ही 2023 में चल रही है, मगर एक देश इस बात से दूर अभी भी काफी पीछे चल रहा है। अगर आपको अभी भी समझ नहीं आया है तो आपको बता दें कि दुनिया में एक ऐसा देश अभी भी है, जो अभी साल 2023 में नहीं बल्कि साल 2015 में जी रहा है, जो आपने पढ़ा है, वहीं सच है। आइए जानते हैं कि क्या है इसके पीछे की वजह, जो इस देश को इतना पीछे कर रही है।
ये देश साल 2015 में जी रहा है
साल 2023 में जब दुनिया चैटजीपीटी और बार्ड जैसे AI टूल की बात कर रही है तो एक देश ऐसा भी जो इन सबसे दूर अभी भी 2015 में जी रहा है। इस अनोखे देश का नाम है इथोपिया (Ethiopia)। इथोपिया एक अफ्रीकी देश है, जो अभी भी साल 2015 में जी रहा है। ये देश दुनिया से 7 साल से ज्यादा पीछे चल रहा है।
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1 साल में 12 नहीं 13 महीने होते हैं
यहां पर आपको एक खास बात बता दें कि इस देश में 1 साल में 12 के बजाय 13 महीने होते हैं। य़हां की लोग कई सदियों से इस सिस्टम को मानते आ रहे हैं और अभी भी इसको आंख बंद करके फॉलो कर रहे हैं।
इसके पीछे क्या है असली वजह, जानिए
इथोपिया दुनिया से 7 साल पीछे चल रहा है और इसके लिए उसका कैलेंडर जिम्मेदार है। इस देश का कैलेंडर दुनिया से अलग है, क्योंकि इथोपिया में जूलियस सीजर द्वारा बनाया गया जूलियन कैलेंडर माना जाता है।
ग्रेगोरियन कैलेंडर मानने से किया इंकार
वहीं, पूरी दुनिया ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को माना और उसके आधार पर कैलेंडर तैयार किए, मगर इथोपिया ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को मानने से मना कर दिया। यहीं वजह है कि इथोपिया में एक साल में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं, इसलिए ये देश बाकी दुनिया से 7 साल से अधिक से पीछे चल रहा है।
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