Invention: किसी भी प्रतिभा का हुनर नैसर्गिक होता है । उसकी न उम्र होती है न परिपक्वता न कोई समयावधि। वह एक मात्र जिज्ञासा होती है जो किसी बड़ी रिसर्च की मोहताज नहीं होती। वह खुद व खुद कुछ कर गुजरती है। ऐसे ही ढेरों उदाहरण हैं कि कम उम्र बच्चों ने अपनी उम्र से बड़े काम कर डाले। ऐसे ही एक 9 वीं कक्षा के छात्र हैं सौविक सेठ । जो चंदननगर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उनकी आज हर तरफ चर्चा हो रही है। जिसने छोटी सी उम्र में बड़ा आविष्कार कर दिया है। सौविक ने एक ऐसा स्मार्ट जूता बना दिया है। जिससे जितना चलोगे उतनी बिजली पैदा होगी और आपकी 2000 mAH की मोबाइल बैटरी चार्ज कर सकते हो। इतना ही सौविक ने इलेक्ट्रॉनिक दुकान में पड़े कबाड़ में से निकालकर जूते में एक कैमरा और जीपीएस सिस्टम तक को इनबिल्ट कर दिया।
क्या कहना है सौविक का
सौविक सेठ ने अपनी स्मार्ट जूते की इस खोज के बारे बताते हुए कहा कि यह चलते हुए बिजली जनरेट करता है जिससे सिर्फ 1 किमी चलने में ही 2 हजार mAH की मोबाइल बैटरी भी चार्ज कर देता है। उसका कहना है कि अभी सारे गैजेट जूते के बाहर लगे हुए हैं। थोड़ा समय लगेगा, वो उन सभी को जूते के सोल के अंदर इंस्टॉल कर देगा। फिर ये स्मार्ट जूता ट्रैकिंग और यात्रा के शौकीन लोगों के लिए बहुत काम का होने वाला है। कैमरे से लाइव होने के साथ ही जीपीएस आपकी सटीक लोकेशन को भी साझा करता रहेगा।
इंटेलिजेंस विभाग के काम का हो सकता है
सौविक का मानना है कि इस जूते में लगा स्पाई कैमरा कोई नहीं बता सकता कि कहा लगा है। इसके साथ लगा जीपीएस डेडली कॉम्बो है। जो स्पाई मिशन काम आ सकते है
IIT में पढ़ना चाहते हैं सौविक सेठ
सौविक की मां ने बताया कि वह 5वीं कक्षा से ही इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में अपने चाचा को काम करते देखते हुए बड़ा हुआ है। वहां जो भी चीजें बेकार होती थी , वो उन्हें उठा लाया करता था। इससे पहले भी सौविक एक जासूसी सूट विकसित कर चुके हैं, कॉलिंग बेल वाली साइकिल बना चुके हैं। सौविक के पिता स्वरूप सेठ का कहना है कि वह बड़े होकर IIT में पढ़ना चाहता है
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