Indian Currency: किसी भी रुपये के ऊपर क्यों बनी होती हैं तिरछी लाइनें, रूपये के बारे में जानिए Interesting Facts

हर देश की तरह हमारे देश की मुद्रा भी बाकी देशों से बिल्कुल अलग है। इसका डिजायन वह इस पर लिखी एक-एक लाइन का एक खास महत्व है जैसे ‘ मैं धारक को रुप्या देने का वचन देता हूं’ यह लाइन हमारे देश के नोट पर लिखी होती है। हम रोज कितने ही पैसे खर्च करते हैं लेकिन इस लाइन के बारे में क्या हम जानते हैं। यह लाइन नोट पर क्यों लिखी रहती है। इसे कौन लिखता है। क्यों लिखता है। इसका क्या मतलब होता है?

इस लाइन का मतलब क्या है?

भारत में नोट बनाने व चलाने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की है। इस लाइन को आरबीआई नोट पर इसलिए लिखता है कि नोट जिसको दिया जा रहा है, उसे विश्वास रहे कि नोट बाजार में उसकी जरूतत को पूरा करेगा। इस नोट पर लिखी लाइन आरबीआई की तरफ से वचन होती है कि जितने का नोट तुमको दिया जा रहा है उतने के सोना आरबीआई के पास रिजर्व रखा है। यानी इस बात की गारंटी है कि जितने का नोट धारक के पास है उतने नोट की देयता धारक को है।

नोट पर क्या होता है ब्लीड मार्क्स?

आपने अगर अभी तक नहीं देखा तो अब ध्यान से देखना 100,200, 500, 2000 के नोट के किनारों पर तिरछी लाइनें बनी होती हैं। इन लाइनों को ही ‘ब्लीड मार्क्स’ कहा जाता है। असल में इन ब्लीड मार्क्स को खासतौर पर नेत्रहीन के लिए बनाया जाता है। इन लकीरों को छूकर ही वो लगा पता लगाते हैं कि नोट कितने का है। इसलिए 100, 200, 500, 2000 के नोटों पर आपको संख्या अलग-अलग मिलेंगी।

गर्वनर के हस्ताक्षर

भारत में सिर्फ एक रूपये के नोट पर वित सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। इस नोट को छोड़कर बाकी सब पर आरबीआई के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। आरबीआई ही भारत में पैसे बनाता है और लोगों तक पहुंचाता है। भारत में पैसे से जुड़े मामले आरबीआई ही संभालता है।

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