Income Tax On Children: भारत में इनकम टैक्स अदा करने के लिए दो टैक्स सिस्टम मौजूद हैं। ऐसे में इन दोनों ही व्यवस्था में अलग-अलग दरों के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना होता है। इस सिस्टम में अगर कोई बिजनेस करता है या फिर कोई नौकरी करता है तो उसकी आय के हिसाब से उसे टैक्स भरना होता है, जिसे आईटीआर कहा जाता है।
बच्चों को भी देना होता है टैक्स
मगर अब हम जो बताने जा रहे हैं, वो शायद ही आप जानते हो। दरअसल, अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि बालिग लोगों के साथ ही बच्चों को भी टैक्स का भुगतान करना होता है। मगर इसमें कुछ नियमों का पालन करना होता है। जानिए क्या है इस बारे में पूरी जानकारी।
क्या है आयकर अधिनियम
आयकर अधिनियम की धारा 1961 के तहत 61(1A) के तहत नाबालिग बच्चों को मिलने वाले सभी पैसे आयकर के अधीन आते हैं। आपको बता दें कि बच्चे को मिलने वाली आय दो तरह की होती है। पहली वो जो से कही से प्राप्त हुई हो और दूसरी वो, जो उसने कोई कार्य करके कमाई हो। ऐसे में अगर बच्चे ने किसी प्रतियोगिता में या रियलिटी कार्यक्रम में भाग लिया था और वहां से कुछ ईनाम मिला है तो से अर्जित आय माना जाएगा।
कब लगता है बच्चे की आय पर टैक्स
साथ ही किसी बिजनेस या फिर किसी जगह पर पार्टटाइम काम करने के बाद कुछ रकम मिली हो तो उसे भी अर्जित आय माना जाएगा। साथ ही किसी भी तरह के विज्ञापन और फिल्म में बाल किरदार निभाने वाले बच्चों को मिलने वाला पैसा भी टैक्स के दायरे में आता है। इसके अलावा माता-पिता द्वारा बच्चे के नाम पर खोले गए बैंक खातों को भी इस श्रेणी में रखा गया है। इसके साथ ही किसी भी तरह का निवेश, जो बच्चों के लिए किया गया है, उन पर बच्चों के बजाय माता-पिता को टैक्स देना होता है।
इसका मिलता है फायदा
नियमों के अनुसार, अगर 18 साल से कम आयु का बच्चा महीने का 1500 रुपये से अधिक आय करता है तो उसे टैक्स अदा करना होगा। इसके अलावा अगर बच्चे के माता-पिता का तलाक हो गया तो वह जिसके भी साथ रहत है, उसकी आय में बच्चे की इनकम को जोड़ा जाता है और उन पर टैक्स की देनदारी बनती है। वहीं, किसी नाबालिग की 40 फीसदी से अधिक विकलांगता होने पर उसे टैक्स से छूट मिलती है।
एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें।