IAS: भारत में आईएएस ऑफिसर की नौकरी को फर्स्ट क्लास की नौकरी माना जाता है। आईएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस या फिर आप इसको हिंदी में भारतीय प्रशासनिक सेवा भी कह सकते हैं। व्यक्ति भारत की सबसे कठिन परीक्षा यानी यूपीएससी को क्रैक करके आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईएएस की नौकरी प्राप्त करता है। आईएएस की नौकरी के साथ व्यक्ति के पास कुछ जिम्मेदारियां और पावर आती है तो आइए इन सब के बारे में चर्चा करते हैं।
आईएएस ऑफिसर का चयन
आईएएस ऑफिसर बनने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली परीक्षा को पास करना होता है। इस परीक्षा में टॉप रैंक वालों को आईएस पोस्ट मिलता है लेकिन कई बार टॉप रैंक में आने वाले उम्मीदवारों वालों का प्रेफरेंस आईपीएस और आईएफएस भी मिल जाता है तो उनको निचली बैंक भी मिल जाती है।
आईएएस ऑफिसर की जिम्मेदारियां
आईएएस ऑफिसर बनने के बाद उम्मीदवार पर कई तरह की जिम्मेदारियां भी आती है। बता दें कि, आईएस ऑफिसर डिस्ट्रिक्ट की पूरी जिम्मेदारी संभालते हैं। जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 इत्यादि लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े सभी निर्णय आईएएस अधिकारी ही लेता है। इसी के साथ आईएएस ऑफिसर पर यह जिम्मेदारी होती है कि, भीड़ पर कैसे कार्यवाही कराएं साथ ही फायरिंग जैसे आर्डर भी दे सकता है।
आईएएस ऑफिसर की पावर
आईएएस ऑफिसर के पावर की बात करें तो, एक आईएएस के पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है। बता दें कि, डीएम डिस्ट्रिक्ट के पुलिस विभाग के साथ कई अन्य विभाग को का भी मुख्य होता है। इसीलिए आईएएस ऑफिसर जिला अधिकारी के रूप में काफी ज्यादा पावरफुल माना जाता है।
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आईएएस ऑफिसर की सैलरी
जिम्मेदारियों और पावर के बाद आईएएस ऑफिसर की सैलरी की बात की जाए तो, बता दें कि सातवें पे कमीशन के तहत इनकी सैलरी 56,100 से 2.5 लाख रुपए प्रति महीने की होती है। मूल वेतन और ग्रेड पे के अलावा इन्हें डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंशन अलाउंस भी मिलता है।
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