How to Start School: भारत में स्कूल शुरू करना एक फायदे का सौदा है। अगर आप भी स्कूल शुरू करते हैं तो आपको काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है। स्कूल शुरू करना न केवल एक बिजनेस है, बल्कि यह एक प्रकार की समाज सेवा भी है। आप शिक्षा के जरिए एक सभ्य समाज का निर्माण कर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। अब बात करते हैं स्कूल शुरू करने के बार में। स्कूल शुरू करना इतना भी आसान नहीं है। इसके लिए आपको कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस दौरान आपको तकनीकी और कानूनी समस्याएं भी पेश आ सकती हैं।
कैसे खोलें स्कूल
स्कूल शुरू करने के लिए आपके पास सही कानूनी जानकारी होना बहुत जरुरी है। सबसे पहले स्कूल के लिए बोर्ड निर्धारित करें कि स्कूल में राज्य का बोर्ड होगा या CBSE का. इसके अनुसार ही शैक्षणिक कार्यक्रम तय किया जा सकता है। सबसे पहले आपको स्कूल की रजिस्ट्रेशन करनी होगी। फिर NOC और अन्य आवश्यक अप्रूवल लेने होंगे। जिसमें म्युनिसिपल प्राधिकरण, शिक्षा विभाग और स्वास्थय विभाग आपकी मदद करेंगे। अप्रूवल पाने के लिए आपके पास बेसिक स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटीरियर और योग्य स्टाफ होना जरुरी है। सच ये हैं कि भारत में एक बार आपने स्कूल के लिए सभी अप्रूवल ले लिए तो स्कूल खोलना सरल और सुगम हो जाता है।
एक महत्वपूर्ण सलाह
स्कूल खोलने को लेकर सामान्यत: यह सलाह दी जाती है कि अगर आप सेकेंडरी स्कूल खोलना चाहते हैं तो पहले प्राइमरी स्कूल खोलें। अगर वहां काम जम जाए तो इसे आगे बढ़ाएं। यह कदम आपकी कई तरह से मदद कर सकता है। अगर आप पहले से ही स्कूल चला रहे होंगे तो प्राइमरी को सेकेंडरी करने में आपको ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। आप दस्तावेज बनाने के लिए पहले से तैयार होंगे और आपको थोडा अनुभव भी होगा। जैसे आप स्कूल शुरू करने के लिए आवश्यक मानदंड और दिशानिर्देश के प्रति भी जागरूक होंगे। इससे आपका केस भी स्ट्रोंग होगा और अप्रूवल भी आसानी से मिलेगी।
इन बतों पर भी दें ध्यान
अप्रूवल पाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटीरियर और Human Resource प्लानिंग बहुत जरुरी हैं। इन सबमें जमीन सम्बन्धित, बिल्डिंग लेआउट, स्कूल में सुविधाएं और स्टाफ सम्बन्धित जानकारी होती है। हर बोर्ड की अपनी कुछ शर्तें होती हैं, जिस पर स्कूल को खरा उतरना होता है। स्कूल खोलने के लिए आर्थिक व्यवस्था भी समय पर उपलब्ध होना बहुत आवश्यक हैं। आप फाइनेंस इंस्टिट्यूट, बैंक या अन्य किसी निजी लेकिन सर्टिफाइड कंपनी से लोन ले सकते हैं। ध्यान रहे लोन का फाइनेंशियल रिकॉर्ड जरूर संभालकर रखें।
अनुभवी अध्यापकों का चयन करें
स्कूल के लिए अध्यापकों का चयन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। प्ले स्कूल से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक टीचर्स की योग्यता के माप-दंड भी अलग-अलग होते हैं। ऐसे में चयन के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप सरकार के बनाए गए नियमों का अनुसरण करते हुए कुछ अनुभवी व्यक्तियों की मदद भी ले सकते हैं, जिससे स्कूल को अच्छे अध्यापक मिलें।
स्कूल के लिए जगह का निर्धारण
स्कूल शुरू करने के लिए आपको एक अच्छी जगह भी ढूंढनी होगी। लेकिन जगह तलाशने के साथ-साथ आपको सावधान भी रहना होगा, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा, स्कूल की निजता और शांति के साथ खेलने के लिए खुले मैदान जैसी कुछ मूलभूत जरूरतें हैं। जिनका होना जरुरी हैं। स्कूल की जमीन ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहां का माहौल भी अच्छा हो और बच्चे वहां अच्छे से पढ़ाई कर सकें।
ऐसे करें मार्केटिंग और प्रमोशन
स्कूल शुरू करने के बाद स्कूल को प्रोमोट करने के लिए मार्केटिंग स्टेटर्जी होना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए पहले तो स्कूल की एक वेबसाइट तैयार करें। शहर में जगह-जगह स्कूल के होर्डिंग्स लगवाएं। ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों जगह अपने स्कूल की प्रमोशन करें। स्कूल से संबंधित सारी जानकारी विज्ञापन में जरूर बातएं, ताकि अभिभावक स्कूल की ओर आकर्षित हों और अपने बच्चों का एडमिशन आपके स्कूल में करवाएं।
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