RADIOLOGY TECHNICIAN : अगर कोई छात्र मेडिकल लाइन में अपने करियर की शुरूआत करना चाहता है तो वह रेडियोलॉजी कोर्स भी चुन सकते है । वैसे तो मेडिकल फील्ड अपने आप में ही काफी बड़ा प्रोफेशन है जिसमें ना जाने कितने कोर्स उपलब्ध है। ऐसे ही यह कोर्स भी काफी अच्छें कोर्सो में से एक है। आने वाले समय में इस कोर्स की काफी डिमांड की जा सकती है। जो भी छात्र रेडियोलॉजी की पढ़ाई करता है उसे रेडियोग्राफर कहते है। रेडियोग्राफर बनने के लिए पैरामेडिकल कोर्स के अंतरगर्त आने वाले इस कोर्स को कर सकते हैं। रेडियोलॉजी में दो साल का डिप्लोमा और डिग्री के आ साथ आगे की बढ़ाई भी की जा सकती है।
क्या होता है रेडियोलॉजी
रेडियोलॉजी की मदद से रेडियोग्राफर पीड़ित की बीमारी के लिए टेस्ट करता है। रेडियोग्राफर को इंसान के अंदर होने वाली बीमारियों का पता लगाने के लिए एक्स- रे , सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड आदि की स्टडी करनी पड़ती है। रेडिरोग्राफर इन सबकी मदद से ही इंसान के अंदर की बामीरी को पकड़ पाते है।
दो तरह के रेडियोलॉजी
मेडिकल फील्ड में रेडियैलॉजी को दो भागों में बांटा गया है। पहला डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी और दूसरा इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी। डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी में डॉक्टर आमतौर पर शरीर के अंदर होने वाली बीमारी या चोट के बारे में एक्सरे इमेजिंग के आधार पर पता लगाता है। वहीं दूसरी ओर इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी में डॉक्टर ना केवल इमेजिंग को समझता है साथ ही सर्जिकल प्रोसेजर का काम भी करते हे।
योग्यता
इस कोर्स को करने के लिए छात्र का 12 वीं साइंस स्ट्रीम से पास होना जरूरी है। इसके लिए 12 में छात्र के बॉयोलोजी सब्जेक्ट का होना भी आवश्यक है। इसके बाद छात्र यह कोर्स करने के लिए ग्रेजुएशन में आवेदन कर सकते है। इस कोर्स में काफी सारे सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध है।
कौन-कौन से कॉलेज में उपलब्ध है यह कोर्स
AIIMS ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल सांइसेज
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज , दिल्ली
मौलान आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
आर्म्ड फोर्सज मेडिकल कॉलेज , पुणे
आदि प्राइवेट कॉलेज और संस्थानों में यह कोर्स उपलब्ध है।
कैसे बने रेडियोलॉजिस्ट
रेडियोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया बैचलर डिग्री के साथ ही शुरू हो जाती है। मेडिकल कॉलेज से कोर्स पूरा करने के बाद छात्र.को एमओ या डिओ में डिग्री दी जाती है। जिसके बाद छात्र फिजीशियन के तौर पर प्रैक्टिस कर सकते है। रेडियोलॉजिस्ट बनने के लिए छात्र को 4 साल का अपना रेडियोलॉजी रेजिडेंसी पूरी करनी होती है। इसके बाद छात्र को स्टेट लाइसेंस के लिए दो पार्ट का एग्जाम देना पड़ता है जिसमें शरीर रचना विज्ञान , मेडिसिन , फिजिक्स और इमेज संबधित चीजों को कवर किया जाता है।
कौन कौन से कोर्स
डिप्लोमा
डिप्लोमा में होने वाले कोर्स 2 साल.के लिए कराए जाते है इसमें छात्र डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी और रेडियोथेरपी कर सकते है। या फिर डिप्लोमा इन रेडियो- डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी भी कर सकते है।
सर्टिफिकेट कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स में छात्र सर्टिफिकट इन रेडियोलॉजी असिस्टेंट ,
रेडियोग्राफी डियग्नोस्टिक और रेडियोग्राफी में कर सकते है।
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कहां पर कर सकते है काम
छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी भी अच्छे अस्पतालों , क्लिनिक और फिजीशियन के साथ काम कर सकते है। इसके अलावा पब्लिक हेल्थ सेक्टर , नर्सिंग होम आदि में जॉब लग सकती है। और इस फील्ड में सैलरी भी काफी अच्छी होती है।
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