How to Become Pilot: आज के समय में हर छात्र कुछ न कुछ बनना चाहता है। कोई इंजीनियर बनने का सपना देखता है, कोई टीचर तो कोई आसमान में परिंदों की तरह उड़ना चाहता है। परिंदों का नाम जब भी मन में आता है तो प्लेन या हवाई जहाज का जिक्र होता है। अब प्लेन और हवाई जहाज का जिक्र हुआ है तो हम पायलट को कैसे भूल सकते हैं। जब आप भी बच्चे रहे होंगे तो आपने भी पायलट बनने की चाह रखी होगी। आज भी कई बच्चे पायलट बनने का सपना देखते हैं। बस जरूरत होती है थोड़े मार्गदर्शन की। अगर आप भी खुले आसमान में परिंदों की तरह उड़ना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है। आज हम आपको बताएंगे की आप भारत में पायलट कैसे बन सकते हैं ? इसके लिए आपको कौन सा कोर्स करना होगा और इससे जुड़े आपके सभी सवाल ?
पहले जानें कितनी तरह के होते हैं पायलट
सबसे पहले आपको बता दें कि पायलट कई प्रकार के होते है, जिन्हे मुख्यता दो भागों में बांटा गया है। पहला है एयर फोर्स पायलट और दूसरा है कमर्शियल पायलट। दोनों तरह के पायलट बनने के लिए योग्यता मानदंड लगभग समान ही हैं। 12वीं कक्षा के बाद आप पायलट ट्रेनिंग कोर्स में अपना नामांकन कर सकते हैं। इसके लिए आपका इंटर विज्ञान विषय (PCM) से पूरा होना चाहिए। लेकिन अब कई ऐसी पायलट ट्रेनिंग अकादमियां भी हैं जो वाणिज्य विषय (कॉमर्स) के छात्रों को भी प्रवेश देती हैं। यदि आप भारतीय वायु सेना के पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको NDA (National Defence Academy) की परीक्षा देनी होगी। यदि आप कमर्शियल पायलट बनने की इच्छा रखते हैं तो आप इसकी ट्रेनिंग के लिए फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं।
यदि आप पायलेट बनने की चाह रखते हैं तो आपके पास निम्नलिखित योग्यता होनी आवश्यक है…
1. आपको भारत का नागरिक होना चाहिए।
2. उम्मीदवार को कलर ब्लाइंडनेस वाला रोग नहीं होना चाहिए।
3. उम्मीदवार की हाइट (ऊंचाई) कम से कम 5 फुट होनी आवश्यक है।
4. पायलट बनने के लिए शैक्षिक योग्यता में उम्मीदवार का 12वीं कक्षा में फिजिक्स ,केमिस्ट्री ,गणित से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
5. यदि आप कमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो आपकी आयु न्यूनतम 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी आवश्यक है।
6. उसी प्रकार एयर फोर्स पायलट बनने के लिए उम्मीदवार की आयुसीमा 17-19 वर्ष तथा 20-24 वर्ष होनी चाहिए।
7. आपकी अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ होना चाहिए। मतलब आपको अच्छी इंग्लिश बोलनी आनी चाहिए।
8. उम्मीदवार को कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए।
12वीं के बाद प्रवेश परीक्षा करें पास
आप 12वीं के बाद प्रवेश परीक्षा को पास करके पायलट बन सकते हैं। 12वीं पास करने के बाद उम्मीदवार को पायलट बनने के लिए कोर्स का चुनाव करना होता है। कोर्स के लिए उम्मीदवर को प्रवेश परीक्षा देनी होती है, जिसके माध्यम से उसका चयन होता है। यह प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होती है। पहला एंट्रेंस एग्जाम, दूसरा मेडिकल टेस्ट और अंत में इंटरव्यू। यदि आप कमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो आपको फ्लाइंग स्कूल स्कूल से कमर्शियल पायलट का कोर्स करना होगा। इस कोर्स में लगभग 18-24 महीने का समय लगता है।
यदि आप एंट्रेंस एग्जाम पास कर लेते हैं तो इसके बाद आप दो तरीकों से कमर्शियल पायलट बन सकते हैं। पहला आप फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं। दूसरा आप कैडेट पायलट प्रोग्राम से पायलट बन सकते हैं। वहीं, भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के लिए आपको काफी कठिन ट्रेनिंग से होकर गुजरना पड़ेगा। क्यूंकि इन पायलट को फाइटर जेट विमानों के साथ आक्रमण करने का अभ्यास भी कराया जाता है, जो की इतना आसान नहीं होता। भारतीय वायु सेना का पायलट बनने के लिए योग्यता मानदंड कमर्शियल पायलट के समान ही होता है।
पायलट बनने के लिए लाइसेंस
पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को लाइसेंस की जरूरत होती हैं और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार की ट्रेनिंग होती है। पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को तीन लाइसेंस मिलते हैं। पहला स्टूडेंट पायलट लाइसेंस, दूसरा प्राइवेट पायलट लाइसेंस और तीसरा कमर्शियल पायलट लाइसेंस। किसी भी उम्मीदवार को ट्रेनिंग के समय सबसे पहले स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (SPL) और उसके बाद स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (PPL) और सबसे अंत में कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) मिलता है।
ऐसे करें लाइसेंस के लिए आवेदन
Director General Of Civil Aviation (DGCA) से मान्यता प्राप्त किसी भी फ्लाइंग स्कूल में प्रवेश लेने के बाद सबसे पहले आपको स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (SPL ) दिया जाता है। यह लाइसेंस भारत सरकार के अंतर्गत आता है। SPL लाइसेंस मिलने के बाद आप स्टूडेंट या न्यू लर्नर के रूप में प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग को ले सकते हैं।
स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (SPL ) का न्यूनतम मानदंड 60 घंटों का होता है। आप जैसे ही इस समय सीमा की ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं तो इसके बाद आप प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह लाइसेंस स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (SPL) की तुलना में थोड़ा मुश्किल होता है। SPL तथा PPL की ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद लगभग 210 घंटे की उड़ान को पूरी करने पर आप कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए भी आपके कुछ टेस्ट लिए जाते हैं और आपको परीक्षा देनी होती है। जिसमें आपको उत्तीर्ण होना होता है। इसके बाद ही आप कमर्शियल पायलट कहलाते हो। इसमें आपको कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) मिलता है, जो किसी भी प्लेन को उड़ाने के लिए आवश्यक है।
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