भारत के एक पूर्व आईएएस बद्री लाल स्वर्णकार ने एक 80 साल पुराने पेपर को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। पेपर को देखकर अच्छे-अच्छे चकरा सकते हैं। इस पेपर को कक्षा पांच का बताया है जो कॉमर्स सबजेक्ट के छमाही इम्तिहान का पेपर है। आज हम शिक्षा को आसान करने में लगे हैं। हम कितनी आसानी से लोगों तक शिक्षा को पहुंचा सकते हैं। हम कितनी आसानी से बच्चों को पढ़ा सकते हैं। एक जमाना था जिसमें पढ़ाई बहुत मुश्किल होती है। उसमें दसवीं ही नहीं पांचवीं भी बोर्ड होती थी।
पूर्व आईएस ने जब इस पेपर को सोशल मीडिया पर शेयर किया तो कुछ अभी की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोग इसकी अलोचना करने से भी नहीं चूक रहे हैं। वह कॉमर्स के पेपर में गणित के सवाल बता रहे हैं।
80 साल पहले और अब
इस पेपर को देखकर एक बात तो समझ में आती है कि 80 साल पहले जो पढ़ाई और एग्जाम का पेटर्न पांचवी क्लास में होता था. वह पेटर्न आज भी दसवीं और 12वीं के एग्जाम में होता है। आज भी 100 नम्बर का पेपर होता है और उसमें से 33 नम्बर पास होने के लिए लाने होते हैं। यह पेपर भी 100 नम्बर का है जिसमें 33 नम्बर पास होने के लिए चाहिए थे। यह 1943-44 का पेपर है जिस समय दुनिया दित्तीय विश्वयुद्द में घिरी हुई थी। इम्तिहान को देने के समय लेकिन 2.5 घंटा है जबकि अब पेपर करने के लिए तीन घंटें मिलते हैं।
पेपर को देखकर क्या लगता है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गये उस पेपर को देखकर लगता है कि उस समय की पढ़ाई आज की पढ़ाई से थोड़ी टफ थी। कुछ लोगों का कहना है कि उस समय पढ़ाई में बहुत सी कमियां थीं जिनको अब सुधारा गया है। इसी कारण पहले से ज्यादा बच्चे अब पढ़ पाते हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि अब जितनी पढ़ाई आसान होती है कोई भी पढ़ सकता है। पहले की पढ़ाई ज्यादा मुश्किल होती थी।
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