Medical: डॉक्टर बनने का सपना रखने वाले स्टूडेंट के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि, मेडिकल की पढ़ाई के लिए हर साल लाखों की तादाद में स्टूडेंट्स नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट की परीक्षा देते हैं। नीट परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले बच्चों का एडमिशन तो सरकारी कॉलेज में कम फीस के साथ हो जाता है लेकिन अच्छे मार्क्स ना आने के कारण कुछ स्टूडेंट्स को प्राइवेट कॉलेजेस में एडमिशन लेना पड़ता है।
प्राइवेट कॉलेज की 50% सीटों पर सरकारी कॉलेज के बराबर फीस
डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए प्राइवेट कॉलेज की फीस इतनी ज्यादा है कि उसको हर कोई नहीं भर पाता और बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है या फिर एडमिशन ही नहीं लेते। इसी समस्या को देखते हुए बिहार की नीतीश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार राज्य के प्राइवेट कॉलेज की 50% सीटों पर सरकारी कॉलेज के बराबर फीस ली जाएगी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक में लिया फैसला
बता दें कि, इस फैसले को शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक में लिया गया। वहीं इस बैठक में 27 अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इस बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा कहते हैं कि, बिहार सरकार की तरफ से मेडिकल की पढ़ाई को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 50% सीटों पर सरकारी कॉलेज के बराबर फीस मिल जाएगी ऐसे में छात्रों को एमबीबीएस सहित अन्य कोर्स की फीस देनी होगी।
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