Data Science: इस दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत डेटा बन चुका है। किसी एक साइंटिस्ट की कहावत में कहें तो आज पूरी दुनिया की जानकारी एक छोटे से डिवाइस में समा सकती है। एक जमाना था जबकि बड़े-बड़े गोदामों में कागजी दस्तावेजों को भरकर रखा जाता था। सारा लिखत पढ़त के काम का रिकॉर्ड रखा जाता था। उस रिकार्ड की जब जरूरत होती थी तब बहुत समय और खर्चे के साथ उसे देखा जा सकता था। आज का समय लेकिन वैसा नहीं है। अब हर संस्थान डाटा को अपने कम्पयूटर में या नेट पर रखता है। ऐसे में इस डाटा के बचाकर रखना या जरूरत पड़ने पर आसानी से हासिल कर लेना। यह भी एक अलग तरह की साइंस हो गया। इसी को डाटा साइंस के नाम से जाना जाता है।
डाटा साइंस की बढ़ती जरूत
डाटा रात दिन बढ़ रहा है। दुनिया में जितना डाटा बढेगा उतनी ही नौकरी इस क्षेत्र में भी बढेंगी। माइकल पेज की जुलाइ की एक रिपोर्ट बताती है कि डाटा साइंस की जरूरतों के चलते 2026 तक करीब 11 लांख मिलियन नौकरियां बढ़ेंगी। एनालिटिक्स इंडिया मैगज़ीन के अनुसार भारत में डाटा साइंस और एनालिटिक्स की जॉब का स्तर करीब 11.6 प्रतिशत है। एनालिटिक्स इंडिया मैगज़ीन की माने तो 2027 तक 200 मिलियन डॉलर तक एनालिटिक्स इंडस्ट्री हो जायेगी।
डाटा साइंस में करियर बनाने के लिए क्या पढ़ें?
कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग, स्टैटिस्टिक्स, या मैथमेटिक्स में अच्छी अंडरग्रेजुएट पढ़ाई छात्रों को आगे की पढ़ाई या ट्रेनिंग के माध्यम से उपरोक्त क्षमताओं को विकसित करने के लिए आवश्यक फंडामेंटल नॉलेज और स्किल सिखाती है। कई यूनिवर्सिटी अब डाटा साइंस, डाटा एनालिटिक्स या बिजनेस एनालिटिक्स में एमटेक, एमएससी, एमबीए या पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम ऑफ़र कर रहे हैं। डाटा साइंस में एक अच्छे टेक्नोलॉजी-केंद्रित मास्टर प्रोग्राम में आमतौर पर कम्प्यूटेशनल स्टैटिस्टिक्स, डाटा माइनिंग, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, बिग डाटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, वेब एनालिटिक्स, लार्ज ग्राफ एनालिटिक्स, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विजन, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे कोर्स होते हैं। इसके अलावा फ़ाइनैन्शियल एनालिटिक्स, ईकामर्स एनालिटिक्स, मैन्युफैक्चरिंग एनालिटिक्स, सेल्स और मार्केटिंग एनालिटिक्स, ट्रांसपोर्ट एनालिटिक्स, टूरिज्म एनालिटिक्स, एचआर एनालिटिक्स, हेल्थ एनालिटिक्स एग्रीकच्चर एनालिटिक्स भी कर सकते हैं।
इसकी तैयारी कर रहे छात्रों को स्टैटिस्टिक्स, अलजेब्रा, कैलकुलस, प्रोग्रामिंग, मशीन लर्निंग, बिग डाटा, क्लाउड कंप्यूटिंग और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अपनी जानकारी और स्किल को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। लिनक्स, पायथन, आर, जावा, एसक्यूएल, झांकी, टेंसरफ्लो, अपाचे स्पार्क, हडूप, डॉकर इत्यादि जैसे कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म, टेक्नोलॉजी और टूल्स को सीखना चाहिए।
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