Constitutional Law: संविधान में धरना प्रदर्शन को लेकर क्या है नियम, क्या इसके लिए किसी की अनुमति जरूरी है ?

Constitutional Law: आज के समय में अलग – अलग मुद्दे को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन हो रहा है। कभी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं तो कभी खिलाड़ी जंतर – मंतर पर बैठे हुए हैं। इससे पहले भी जंतर – मंतर पर प्रदर्शन हो चुके हैं। ऐसे में क्या कभी आपने सोचा की प्रदर्शन करने का नियम क्या है ? आखिर कब और कैसे एक आम नागरिक कही जाकर प्रोटेस्ट कर सकता है। हमारे देश का सुप्रीम कोर्ट इस प्रदर्शन को लेकर क्या कहता है ? आइए आज हम इसके बारे में डिटेल में बात करते हैं।

धरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

पिछले साल जब किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा हक है लेकिन यह प्रदर्शन अहिंसक नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही कभी भी प्रदर्शन के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी भी रास्ते को नहीं रोक सकता है। सुप्रीम कोर्ट भी अक्सर लोकतंत्र में विरोध के अधिकार को लेकर कई बार अपनी राय को रखा है। विरोध का अधिकार भी हमारे संविधान में मुलभुत अधिकारों की तरह ही शामिल है। इस प्रदर्शन करने को लेकर ये नियम है कि यह पूरी तरह से शांत होना चाहिए इसके साथ ही आम नागरिकों, सरकारी कामों में इसकी वजह से किसी भी प्रकार की बंधा नहीं आणि चाहिए।

यह है संविधान में नियम

हमारे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (बी) में धरना प्रदर्शन का जिक्र है। इसके साथ ही यह धरना प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिप्रिय साथ ही बिना हथियारों के होना चाहिए। जब भी प्रसाशन को यह लगता है कि इस धरना प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को दिक्क्त हो सकती है तब वह परमिशन नहीं देता है।

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बिना अनुमति के नहीं कर सकते हैं प्रदर्शन

हमारे संविधान में यह कहा गया है कि किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन आप बिना अनुमति के नहीं कर्त सकते हैं। कई बार लोग अपने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हैं लेकिन इसके लिए पहले से परमिशन लेना जरूरी है। वहीं अनुच्छेद 19 (1) (B) के तहत यह साफ तौर से कहा गया है कि वे अपनी मांगों को रखने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से इकट्ठा हो सकते हैं।

यह है धरना प्रदर्शन को लेकर नियम

भारत का कोई भी व्यक्ति धरना प्रदर्शन कर सकते है लेकिन इसके लिए पहले उसे पुलिस से परमिशन लेना जरुरी है। वहीं इसके परमिशन को लेकर अलग – अलग सरकारों के द्वारा अलग – अलग नियम भी बनाया गया है। धरना करने वाले व्यक्ति के पास में परमिट और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट होना जरुरी है। वहीं पुलिस को जब भी यह लगता है कि जिस जगह पर प्रदर्शन होने जा रहा है तो वहां पर किसी भी तरह का खतरा हो सकता है तो पुलिस परमिशन नहीं देती है।

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